भारत के 14वें उपराष्ट्रपति चुने गए जगदीप धनखड़
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) देश के 14वें उपराष्ट्रपति (14th Vice-President) होंगे। उन्होंने 6 अगस्त को संसद में हुए 16वें उपराष्ट्रपति चुनाव में 710 वैध वोटों में से 528 वोट हासिल किए। विपक्षी उम्मीदवार और कांग्रेस नेता मार्गरेट अल्वा को 182 वोट मिले।
लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर थे।
राज्यसभा के निर्वाचित और मनोनीत सदस्यों और लोकसभा के निर्वाचित सदस्यों वाले 780 मतदाताओं में से 725 सांसदों ने मतदान किया। 725 मतों में से 15 अमान्य थे और कुल वैध मत 710 थे।
जगदीप धनखड़ भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में कार्य करेंगे।
उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति भी होता है।
जगदीप धनखड़ का जीवन परिचय
जगदीप धनखड़ का जन्म 1951 में राजस्थान के किठाना गांव में हुआ था। किसानों के परिवार में पले-बढ़े, जगदीप धनखड़ को हमेशा अपनी जड़ों से जुड़े रहने के लिए प्रशंसा की जाती है।
उन्होंने 1978-79 में अपना एलएलबी पूरा किया और उसी वर्ष बार कॉउन्सिल में पंजीकृत हुए। शुरुआत में जगदीप धनखड़ ने राजस्थान उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस किया, बाद में उन्होंने मुख्य रूप से सर्वोच्च न्यायालय में प्रैक्टिस करना शुरू किया।
बंगाल के पूर्व राज्यपाल को राजस्थान उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष के रूप में भी जाना जाता है।
जगदीप धनखड़ ने 1989 में झुंझुनू लोकसभा सीट जीतकर राजनीति में प्रवेश किया। उन्होंने जनता दल के टिकट पर चुनाव जीता।
वर्ष 1990 में, उन्होंने संसदीय मामलों के राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया। अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने महत्वपूर्ण विभागों में भी महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया।
पीवी नरसिम्हा राव के प्रधानमंत्री बनने के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए। लेकिन राजस्थान में अशोक गहलोत के उदय के साथ वे भाजपा में शामिल हो गए।
जनता दल के एक पूर्व सदस्य, जगदीप 2003 में भाजपा में शामिल हुए।
जगदीप धनखड़ को 2019 में बंगाल के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया था।