प्रकृति-प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिए जागरूकता शुभंकर
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने 5 अप्रैल को देश में प्रभावी प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (PWM) सुनिश्चित करने के लिए एक शुभंकर ‘प्रकृति’ (PRAKRITI) लॉन्च किया।
- यह छोटे बदलावों के बारे में जनता के बीच अधिक जागरूकता पैदा करेगा जिसे बेहतर पर्यावरण के लिए हमारी जीवन-शैली में स्थायी रूप से अपनाया जा सकता है।
- भारत सालाना लगभग 3.5 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा पैदा कर रहा है और प्रति व्यक्ति प्लास्टिक कचरा उत्पादन पिछले पांच वर्षों में लगभग दोगुना हो गया है।
- प्लास्टिक प्रदूषण हमारे इको-सिस्टम पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है और वायु प्रदूषण से भी जुड़ा हुआ है।
- प्लास्टिक प्रदूषण की चुनौती से निपटने के लिए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2022 तक सिंगल यूज प्लास्टिक (SUP) को समाप्त करने की भारत के संकल्प की घोषणा की।
- इस कार्य को आगे बढ़ाते हुए और सक्रिय जन भागीदारी की आवश्यकता पर जोर देते हुए, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री ने सभा को ‘स्वच्छ भारत हरित भारत हरित संकल्प’ भी कराया।
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