देश का पहला ई-अपशिष्ट (e-waste) इको पार्क
दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने 24 फरवरी को एक ई-अपशिष्ट इको पार्क (e-waste eco park) की स्थापना को मंजूरी दी है जो प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा।
- दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह देश का पहला ई-अपशिष्ट इको पार्क होगा।
- नरेला औद्योगिक क्षेत्र में ई-अपशिष्ट पार्क की योजना बनाई जा रही है और यह 20 एकड़ में फैला होगा।
- इस पार्क में सुरक्षित और वैज्ञानिक तरीके से रिसाइकिलिंग और री-मैन्युफैक्चरिंग का काम किया जाएगा। वर्तमान में दिल्ली में हर साल 2 लाख टन ई-कचरा पैदा होता है।
ई-अपशिष्ट (E-waste)
- ई-अपशिष्ट (E-waste) इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का एक लोकप्रिय, अनौपचारिक नाम है जो अपने “उपयोगी जीवन” के अंत के करीब होते हैं। मोबाइल, कंप्यूटर, टीवी, वीसीआर, स्टीरियो, कॉपियर और फैक्स मशीन आम इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद हैं। इनमें से कई उत्पादों का पुन: उपयोग, नवीनीकरण या पुनर्नवीनीकरण किया जा सकता है।
भारत में E-अपशिष्ट नियम
- ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 के तहत इक्कीस (21) प्रकार के विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (EEE) अधिसूचित किए गए हैं। ये अधिसूचित EEE अपने जीवन के अंत में ई-अपशिष्ट बन जाते हैं।
- खतरनाक और अन्य अपशिष्ट के आयात और निर्यात को पर्यावरण मंत्रालय द्वारा अधिसूचित खतरनाक और अन्य अपशिष्ट (प्रबंधन और सीमा पार आवाजाही) नियम, 2016 के तहत नियंत्रित किया जाता है।
- सरकार ने E-waste को उक्त नियमों की अनुसूची VI (बेसल नंबर ए 1180) सूचीबद्ध करके 04 अप्रैल 2016 से देश में ई-अपशिष्ट के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है।