कुल GDP में सरकारी स्वास्थ्य खर्च का हिस्सा 1.28% है: नेशनल हेल्थ अकाउंट 2018-19
भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने वर्ष 2018-19 के लिए भारत के नेशनल हेल्थ अकाउंट (National Health Estimates: NHA) अनुमान जारी किए।
भारत की कुल GDP में सरकारी स्वास्थ्य खर्च (share of government health expenditure in the total GDP) में इजाफा हुआ है। यह आंकड़ा 2013-14 में 1.15 फीसदी हुआ करता था, जो 2018-19 में बढ़कर 1.28 फीसदी हो गया है।
कुल स्वास्थ्य खर्च में सरकारी स्वास्थ्य खर्च (share of Government Health Expenditure in Total Health Expenditure) भी समय के साथ बढ़ता गया है। 2018-19 में सरकारी खर्च की हिस्सेदारी 40.6 फीसदी थी, जो 2013-14 के 28.6 फीसदी से कहीं अधिक है।
“मौजूदा स्वास्थ्य खर्च” (Current Health Expenditure) की हिस्सेदारी में सरकार का स्वास्थ्य खर्च 2013-14 के 23.2 फीसदी से बढ़कर 2018-19 में 34.5 फीसदी हो गया है।
2013-14 के बाद से प्रति व्यक्ति सरकारी स्वास्थ्य खर्च (per capita government spending on healthcare) में 74 फीसदी का इजाफा हुआ है, मतलब यह आंकड़ा 1042 रुपये प्रति व्यक्ति से बढ़कर, 2018-19 में 1815 रुपये हो गया।
“आउट ऑफ पॉकेट” खर्च (Out-of-Pocket Expenditure: OOPE) में कुल स्वास्थ्य खर्च से तुलना करने में 16 प्रतिशत बिन्दु तक की गिरावट आई है। अब यह इसकी हिस्सेदारी 64.2 फीसदी से गिरकर 48.2 फीसदी रह गई है।
“मौजूदा स्वास्थ्य खर्च की तुलना” में 2013-14 में OOPE 69.1 हुआ करता था, जो 2018-19 में घटकर 53.2 फीसदी रह गया।
प्रति व्यक्ति OOPE, 2013-14 की तुलना में फिलहाल 8 फीसदी कम हो गया है। मतलब पहले यह 2,366 रुपये हुआ करता था, जबकि वर्तमान में 2,155 रुपये प्रति व्यक्ति है।
सामाजिक सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने के परिणामस्वरूप कुल स्वास्थ्य खर्च 6 फीसदी से बढ़कर 9.6 फीसदी हो गया है। सरकार द्वारा वित्त पोषित स्वास्थ्य बीमा खर्च में भी 2013-14 से 167 फीसदी का इजाफा हुआ है।
देश में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में विदेशी निवेश पर भरोसा कम हो रहा है। रिपोर्ट बताती है कि 2004-05 में विदेशी सहायता 2.3 फीसदी थी, जो 2018-19 में घटकर 0.4 फीसदी रह गई है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा (NHA) अनुमान
2018-19 के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा (NHA) अनुमान, 6वां NHA अनुमान है, इसकी रिपोर्ट NHSRC ने तैयार की है, जिसे 2014 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने “नेशनल हेल्थ अकाउंट्स टेक्निकल सेक्रेटेरिएट (NHATS) का दर्जा दिया था। इन अनुमानों को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा बनाए गए फ्रेमवर्क के आधार पर तैयार किया जाता है, जो स्वास्थ्य लेखा परीक्षण का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानक तंत्र है।