आईएनएस सिंधुध्वज सेवामुक्त
आईएनएस सिंधुध्वज (INS Sindhudhvaj) ने 35 साल तक अपनी सेवाएं देने के बाद 16 जुलाई 2022 को भारतीय नौसेना को अलविदा कह दिया। इसे 1987 में सोवियत संघ से उस सौदे के तहत अधिग्रहण के पश्चात कमीशन किया गया था जिसमें भारतीय नौसेना द्वारा दस किलो क्लास डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियां खरीदी गई थीं।
किलो क्लास की पनडुब्बियों की उम्र 30 साल होती है, हालांकि मरम्मत के बाद वे दस साल और सेवा में रह सकती हैं।
इस पनडुब्बी के शिखर पर एक भूरे रंग की नर्स शार्क चित्रित है और इसके नाम का अर्थ है समुद्र में हमारी ध्वजवाहक।
जिस प्रकार इसके नाम से पता चलता है, सिंधुध्वज स्वदेशीकरण की ध्वजवाहक थी और नौसेना में अपनी पूरी यात्रा के दौरान रूस निर्मित सिंधुघोष श्रेणी की पनडुब्बियों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए भारतीय नौसेना के प्रयासों की ध्वजवाहक थी।
इस पनडुब्बी को श्रेय जाता है कि कई चीजें इसने पहली बार कीं। जैसे, हमारे स्वदेशी सोनार USHUS, स्वदेशी उपग्रह संचार प्रणाली रुकमणी और MMS, जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली और स्वदेशी टॉरपीडो फायर कंट्रोल सिस्टम का परिचालन इस पर ही हुआ।