विश्व व्यापार संगठन ने LDC देशों के लिए भारत की “ड्यूटी-फ्री कोटा फ्री” योजना के कम उपयोग पर चिंता जाहिर की है
विश्व व्यापार संगठन (WTO) में लीस्ट डेवलप्ड कन्ट्रीज (LDC) समूह की एक रिपोर्ट के अनुसार, WTO की “ड्यूटी-फ्री कोटा फ्री” (duty-free quota free: DFQF) योजना के तहत भारत द्वारा LDC देशों को शून्य टैरिफ की पेशकश के लगभग 11,000 उत्पादों में से लगभग 85 प्रतिशत का उपयोग नहीं किया गया है।
ड्यूटी फ्री कोटा फ्री (DFQF) के बारे में
LDC के लिए ड्यूटी-फ्री कोटा फ्री (DFQF) का लाभ प्रदान करने का निर्णय पहली बार 2005 में WTO हांगकांग मंत्रिस्तरीय बैठक में लिया गया था।
इस निर्णय के तहत सभी विकसित और विकासशील देश के सदस्यों को, जो इस स्थिति में, सभी LDC देशों के सभी उत्पादों के लिए प्रेफरेंशियल मार्केट एक्सेस प्रदान करने को कहा गया था।
भारत वर्ष 2008 में LDC की इस सुविधा का विस्तार करने वाला पहला विकासशील देश बन गया। भारत की कुल टैरिफ लाइनों के 85 प्रतिशत पर LDC को बाजार पहुंच प्रदान की गई।
इस योजना का 2014 में विस्तार किया गया था, जिससे LDC को भारत की लगभग 98.2 प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर तरजीही बाजार पहुंच प्रदान की गई थी।
भारत LDC को 11,506 प्रेफरेंशियल टैरिफ लाइन प्रदान करता है, जिनमें से 10,991 शुल्क-मुक्त हैं।