वाइट राइनो को बचाने के लिए गैंडा का गर्भ पहली बार IVF तकनीक से विकसित किया गया
बर्लिन में बायो रिसोर्स के वैज्ञानिकों ने लैब में विकसित गैंडे के भ्रूण को सरोगेट मां में सफलतापूर्वक ट्रांसफर करके इनविट्रो फर्टिलाइज़ेशन तकनीक से पहले बार राइनो प्रेग्नन्सी हासिल की है।
उपलब्धि के बारे में
यह प्रक्रिया प्रूफ ऑफ कांसेप्ट के रूप में सदर्न वाइट राइनो पर आजमाई गई है, जो नॉर्दर्न वाइट राइनो की निकट संबंधी उप-प्रजाति है।
यह उपलब्धि क्रिटिकली एंडेंजर्ड नॉर्दर्न वाइट राइनो की उप-प्रजाति को विलुप्त होने से बचाने की आशा है।
गौरतलब है कि सफ़ेद गैंडे (white rhinoceros) की दो अलग-अलग उप-प्रजातियाँ हैं, नॉर्दर्न वाइट राइनो और सदर्न वाइट राइनो।
नॉर्दर्न वाइट राइनो, जो अपने वाइट नाम के बावजूद वास्तव में भूरे रंग के होते हैं, पूर्व और मध्य अफ्रीका के कई देशों में स्वतंत्र रूप से विचरण करते थे, लेकिन उनके सींगों को प्राप्त करने के लिए बड़े पैमाने पर अवैध शिकार किया गया। इससे उनकी संख्या में तेजी से गिरावट आई।
आखिरी नर नॉर्दर्न वाइट राइनो 2018 में मर गया। अब इस उप-प्रजाति के केवल दो गैंडे बचे हैं: दोनों मादा हैं; नाजिन और उसकी बेटी फातू।
दोनों जानवरों को केन्या के ओल पेजेटा कंजरवेंसी (Ol Pejeta Conservancy) में कड़ी सुरक्षा में रखा गया है। उम्र और स्वास्थ्य के कारण दोनों में से कोई भी बच्चे को जन्म देने की स्थिति में नहीं है।
सदर्न वाइट राइनो अधिक संख्या में मौजूद हैं। वैज्ञानिकों ने मादा नॉर्दर्न वाइट राइनो के अंडों की हार्वेस्टिंग के लिए इन-विट्रो फर्टिलाइज़ेशन का उपयोग किया और भ्रूण पैदा करने के लिए इस उप-प्रजाति के मृत नर गैंडा (उनके मरने से पहले) के शुक्राणु का उपयोग किया, जिसे अंततः सदर्न वाइट राइनो सरोगेट माता में ट्रांसफर किया जाएगा।
प्रूफ ऑफ कांसेप्ट के रूप में, वैज्ञानिकों ने कहा कि उन्होंने 24 सितंबर, 2023 को केन्या के ओल पेजेटा कंजर्वेंसी में एक सदर्न वाइट राइनो के भ्रूण को उस उप-प्रजाति की सरोगेट मां में स्थानांतरित कर दिया। यह गर्भ विकसित हो गया है।
अंतिम दो जीवित नॉर्दर्न वाइट राइनो में से कोई भी उम्र और स्वास्थ्य समस्याओं के कारण गर्भधारण नहीं कर सकती हैं। इसलिए इसके बजाय नॉर्दर्न वाइट राइनो के भ्रूण को सरोगेट सदर्न वाइट राइनो के गर्भ में प्रत्यारोपित किया जाएगा।