संयुक्त राष्ट्र ने “पैक्ट फॉर फ्यूचर” समझौते को अपनाया
विश्व के राष्ट्राध्यक्षों/शासनाध्यक्षों ने 23 सितंबर 2024 को संयुक्त राष्ट्र-“पैक्ट फॉर फ्यूचर” (UN Pact for the Future) समझौते को अपनाया। यह समझौता भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित, अधिक शांतिपूर्ण, सस्टेनेबल और इंक्लूसिव दुनिया की दिशा में ठोस कार्रवाई करने का एक ऐतिहासिक घोषणापत्र है।
इस समझौते के साथ-साथ इसके अनुलग्नक,ग्लोबल डिजिटल कॉम्पैक्ट और डिक्लेरेशन फॉर फ्यूचर जनरेशन (Declaration on Future Generations) को सर्वसम्मति से अपनाया गया।
रूस और ईरान उन सात देशों में शामिल थे जिन्होंने “पैक्ट फॉर फ्यूचर” का विरोध किया।
समझौते के पाँच व्यापक फोकस क्षेत्रों में शामिल हैं: सतत विकास; अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा; विज्ञान और प्रौद्योगिकी; युवा और भावी पीढ़ियाँ; और ग्लोबल गवर्नेंस को बदलना।
इस समझौते में सुरक्षा परिषद में सुधार का भी वादा किया गया है, तथा इसे अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण, समावेशी, पारदर्शी, कुशल, प्रभावी, लोकतांत्रिक और जवाबदेह बनाने की तत्काल आवश्यकता को मान्यता दी गई है।
यह वास्तव में भारत के पक्ष का समर्थन है जो कई वर्षों में सुरक्षा परिषद् में सुधार की मांग करता रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दो दिवसीय संयुक्त राष्ट्र ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ (Summit of the Future) सम्मेलन में भाग लिया।