विश्व मगरमच्छ दिवस 2024: मगरमच्छ संरक्षण परियोजना के 50 वर्ष

विश्व मगरमच्छ दिवस (World Crocodile Day) 17 जून, 2024 को मनाया गया। बता दें कि वर्ष 2024 में भारत की मगरमच्छ संरक्षण परियोजना (Crocodile Conservation Project) के 50 वर्ष भी पूरे हो रहे हैं।

1975 में भारत ने ओडिशा के भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान में मगरमच्छ संरक्षण परियोजना शुरू की थी, जो कनिका रियासत के राजाओं का पूर्व शिकारगाह था।

चूंकि ओडिशा में भारतीय मगरमच्छों की तीनों प्रजातियां पाई जाती हैं, इसलिए घड़ियाल और खारे पानी के मगरमच्छ संरक्षण कार्यक्रम को सबसे पहले 1975 की शुरुआत में ओडिशा में लागू किया गया था और उसके बाद मगर संरक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया था।

मगरमच्छ संरक्षण परियोजना का मुख्य उद्देश्य मगरमच्छ के प्राकृतिक आश्रय की रक्षा करना और कैप्टिव ब्रीडिंग के माध्यम से इसकी आबादी को जल्दी से पुनर्जीवित करना था क्योंकि शिकार के कारण प्रकृति में मगरमच्छों के जीवित रहने की दर कम है।

‘साल्टी यानी खारे पानी का मगरमच्छ’, मगर या दलदली मगरमच्छ (क्रोकोडाइलस पलुस्ट्रिस) और घड़ियाल (गेवियलिस गैंगेटिकस), भारत में मगरमच्छों की तीन मुख्य प्रजातियाँ हैं।

इस परिवार में 24 प्रजातियाँ हैं और इसमें ‘ट्रू क्रोकोडाइल’, मगरमच्छ, कैमन और घड़ियाल शामिल हैं।

साल्टी यानी खारे पानी का मगरमच्छ’, आज देश में केवल तीन स्थानों पर पाया जाता है: भितरकनिका, सुंदरबन और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह।

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