WHO रिपोर्ट: ‘हर घर जल’ कार्यक्रम से डायरिया से होने वाली लगभग 400,000 मौतों को रोका जा सकता है

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार “हर घर जल” कार्यक्रम (Har Ghar Jal) से देश में सभी घरों के लिए सुरक्षित रूप से प्रबंधित पेयजल सुनिश्चित करने से अतिसार रोगों (diarrheal diseases) से होने वाली लगभग 400,000 मौतों को टाला जा सकता है और इन बीमारियों से संबंधित लगभग 14 मिलियन विकलांगता समायोजित जीवन वर्ष (Disability Adjusted Life Years: DALYs) को रोका जा सकता है।

रिपोर्ट के अन्य निष्कर्ष

अकेले इस उपलब्धि से अनुमानित लागत में 101 बिलियन डॉलर तक की बचत होगी। यह विश्लेषण डायरिया से होने वाली बीमारियों पर केंद्रित है क्योंकि पानी से होने वाली बीमारियां इसके लिए बड़ा कारण है।

‘हर घर जल’ रिपोर्ट डायरिया संबंधी बीमारियों पर ध्यान केंद्रित करती है क्योंकि ये जल, सफाई और स्वच्छता (water, sanitation, and hygiene: WASH) समस्याओं से संबंधित समग्र रोग के बोझ में अधिक योगदान देती हैं।

विश्लेषण इन बीमारियों को दूर करने की तत्काल आवश्यकता और सार्वजनिक स्वास्थ्य और आर्थिक कल्याण में पर्याप्त लाभ की संभावना को रेखांकित करता है।

रिपोर्ट से पता चलता है कि 2018 में, भारत की कुल आबादी का 36 प्रतिशत, जिसमें 44 प्रतिशत ग्रामीण आबादी शामिल है, के पास अपने परिसर में बेहतर पेयजल स्रोतों तक पहुंच नहीं थी।

WHO विभिन्न सतत विकास लक्ष्य (SDG) संकेतकों की निगरानी करता है, जिसमें सुरक्षित रूप से प्रबंधित पेयजल सेवाओं (संकेतक 6.1.1) और असुरक्षित पानी, सफाई और स्वच्छता से संबंधित मृत्यु दर (संकेतक 3.9.2) का उपयोग करने वाली आबादी का अनुपात शामिल है।

WHO ने पानी, सफाई और स्वच्छता में सुधार से जुड़े स्वास्थ्य लाभों का अनुमान लगाने के लिए तरीके और उपकरण विकसित किए हैं, विशेष रूप से डायरिया संबंधी बीमारियों और अन्य संबंधित स्वास्थ्य परिणामों को कम करने में।

वर्ष 2018 में, भारत में महिलाओं ने घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए रोजाना औसतन 45.5 मिनट जल संग्रह करने में खर्च किया। कुल मिलाकर, जिन घरों में ऑन-प्रिमाइसेस पानी नहीं है, वे हर दिन पानी इकट्ठा करने में चौंका देने वाले 66.6 मिलियन घंटे खर्च करते हैं, जिनमें से अधिकांश (55.8 मिलियन घंटे) ग्रामीण क्षेत्रों में होते हैं।

नल के पानी के प्रावधान के माध्यम से सार्वभौमिक कवरेज के परिणामस्वरूप दैनिक जल संग्रह प्रयासों की आवश्यकता को समाप्त करके पर्याप्त बचत होगी। ग्रामीण नल जल कनेक्शन 2019 में 16.64 प्रतिशत से बढ़कर 41 महीने की अवधि के भीतर 62.84 प्रतिशत हो गए।

हर घर जल कार्यक्रम

जल शक्ति मंत्रालय के तहत जल जीवन मिशन द्वारा कार्यान्वित हर घर जल कार्यक्रम की घोषणा 15 अगस्त, 2019 को प्रधानमंत्री द्वारा की गई थी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नलों के माध्यम से सुरक्षित पेयजल की पर्याप्त, वहनीय और नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करना है।

यह कार्यक्रम सुरक्षित रूप से प्रबंधित पेयजल सेवाओं के लिए सतत विकास लक्ष्य संख्या 6.1 के अनुरूप है।

मिशन का उद्देश्य 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार के लिए नियमित और दीर्घकालिक आधार पर पर्याप्त मात्रा में, निर्धारित गुणवत्ता के पेयजल आपूर्ति का प्रावधान करना है। यह कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझेदारी में कार्यान्वित किया जाता है।

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