सॉइल  नेलिंग और हाइड्रोसीडिंग

तमिलनाडु राज्य राजमार्ग विभाग मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए नीलगिरी की प्रमुख सड़कों के आसपास पांच स्थानों पर घास उगाकर ढलानों को स्थिर करने की परियोजना पर कार्य कर रहा है।

इस परियोजना का नाम है; ‘सॉइल  नेलिंग और हाइड्रोसीडिंग विधि का उपयोग करके ढलान स्थिरीकरण’ (slope stabilisation using soil nailing and Hydroseeding method) ।

सॉयल नेलिंग एक भू-तकनीकी इंजीनियरिंग तकनीक है जिसमें मृदा (सॉइल) को मजबूत करने के लिए किसी निर्धारित क्षेत्र में उसमें मजबूत तत्वों को  शामिल किया जाता है।

नीलगिरी में पांच स्थानों को भूस्खलन की आशंका के कारण नेलिंग के लिए चुना गया था और भविष्य में भूस्खलन से सड़कों को अवरुद्ध होने से रोकने के लिए ढलान स्थिरीकरण (slope stabilization) के वैकल्पिक तरीकों को अपनाया जा रहा है।

हाइड्रोसीडिंग घास और पौधों के विकास में मदद के लिए मिट्टी में बीज, उर्वरक, जैविक सामग्री और पानी का मिश्रण लगाने की एक प्रक्रिया है। यह मृदा की ऊपरी परत को जोड़े रखने और कटाव को रोकने में मदद करती है।

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