‘GPS स्पूफिंग’ क्या है?
भारत के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने फेक ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) सिग्नल से निपटने के लिए एयरलाइंस, साथ ही भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (एएआई) को एक सर्कुलर जारी किया है।
ये फेक सिग्नल उड़ान की अपनी नेविगेशन प्रणाली पर हावी हो जाते हैं और उसे उसके इच्छित पथ से भटका देते हैं। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई हफ्ते पहले, मध्य पूर्वी हवाई क्षेत्र में फेक GPS सिग्नल के कारण बड़ी संख्या में कॉर्पोरेट और वाणिज्यिक विमानों को मार्ग से भटका दिया गया था।
इन घटनाओं के पीछे ‘जीपीएस स्पूफिंग’ (GPS spoofing) नामक घटना को जिम्मेदार बताया गया है।
एयरोनॉटिक्स के लिए अमेरिकी रेडियो तकनीकी आयोग के अनुसार, GPS स्पूफिंग “एक रियल उपग्रह सिग्नल को फेक सिग्नल के माध्यम से बदल देना है जो GPS रिसीवर को गलत स्थिति और गलत टाइम आउटपुट देता है”।
दूसरे शब्दों में, GPS स्पूफिंग एक ऐसा हमला है जिसका उद्देश्य जीपीएस-आधारित डिवाइस के मूल स्थान को ओवरराइड करना है।
ऐसा करने के लिए, हमलावर एक रेडियो ट्रांसमीटर का उपयोग करता है जो फेक GPS सिग्नल प्रसारित करता है और पास के GPS रिसीवर के साथ छेड़छाड़ करता है। परिणामस्वरूप, वे उपकरण फेक GPS स्थान प्रदर्शित करते हैं।