फार्मर्स डिस्ट्रेस इंडेक्स: किसानों के भावी संकट का करेगा पूर्वानुमान
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के सेंट्रल रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर ड्रायलैंड एग्रीकल्चर (CRIDA) के वैज्ञानिकों ने “कृषक संकट सूचकांक” (Farmers Distress Index) नामक एक प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली विकसित की है।
फार्मर्स डिस्ट्रेस इंडेक्स के बारे में
सूचकांक 21 सरल प्रश्नों पर बनाया गया है, जो प्रत्येक तीन प्रश्नों के सात खंडों में विभाजित है। इन सवालों के जवाब से बताया जा सकता है कि वे संकट का अनुभव कर रहे हैं या नहीं।
सूचकांक को ‘किसान संकट और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ (PMFBY) के तहत नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित परियोजना के हिस्से के रूप में विकसित किया गया था।
सूचकांक किसानों के वास्तविक संकट से कम से कम 3-4 महीने पहले आसन्न संकट को महसूस कर सकता है, जिससे सरकारों और अन्य एजेंसियों को निवारक कदम उठाने की अनुमति मिलती है। यदि किसान संकट में हैं, तो सूचकांक बता सकता है कि संकट किस स्तर पर हैं।
किसानों का संकट भारत के शुष्क क्षेत्रों में, विशेष रूप से तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र के सूखाग्रस्त क्षेत्रों में बार-बार घटित होने वाली समस्या है।