पार्थेनन मूर्तियों को लेकर यूनाइटेड किंगडम और ग्रीस के बीच विवाद

ब्रिटिश संग्रहालय में रखी पार्थेनन मूर्तियों (Parthenon Sculptures) के विवाद को लेकर ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक ने ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस के साथ बैठक रद्द करने के बाद ग्रीस और ब्रिटेन के बीच एक राजनयिक विवाद छिड़ गया।

ब्रिटिश संग्रहालय में रखी पार्थेनन मूर्तियां ग्रीस की 30 से अधिक प्राचीन पत्थर की मूर्तियां हैं जो 2,000 वर्ष से अधिक पुरानी हैं। उनमें से अधिकांश मूल रूप से एथेंस में चट्टानी एक्रोपोलिस पहाड़ी पर पार्थेनन मंदिर की दीवारों और मैदानों को सुशोभित करते थे।

432 ईसा पूर्व में पूरा हुआ यह मंदिर देवी एथेना को समर्पित है और इसे एथेंस के स्वर्ण युग की शानदार प्रतिनिधित्व  के रूप में देखा जाता है।

इन मूर्तियों को 19वीं सदी की शुरुआत में एल्गिन के 7वें अर्ल और ओटोमन साम्राज्य के तत्कालीन ब्रिटिश राजदूत थॉमस ब्रूस द्वारा पार्थेनन से हटा दिया गया था। इन संगमरमर मूर्तियों को ब्रिटेन ले जाया गया और 1816 में ब्रिटिश संग्रहालय द्वारा खरीदा गया।

ग्रीस 1830 के दशक की शुरुआत में स्वतंत्र होने के बाद से मूर्तियों की वापसी की मांग कर रहा है।1980 के दशक में इस अभियान को तब गति मिली जब ग्रीस के ऑस्कर नॉमिनेटेड अभिनेत्री मेलिना मर्कौरी ने मूर्तियों को ब्रिटेन से वापसी के लिए एक आंदोलन चलाया जब वह 1981 और 1989 के बीच संस्कृति मंत्री थीं।

वहीं, मूर्तियों के संरक्षक ब्रिटिश संग्रहालय का दावा है कि उन्हें एल्गिन ने ओटोमन साम्राज्य के साथ एक कानूनी कॉन्ट्रैक्ट के तहत ये मूर्तियां मिली थी और उनकी वापसी की मांग को खारिज कर दिया।

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