डेडबॉट्स
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में नैतिकता पर जोर देने वाले लोगों ने चेतावनी दी है कि “डेडबॉट्स” उनके क्रिएटर और यूजर्स को मनोवैज्ञानिक नुकसान पहुंचा सकते हैं और यहां तक कि उन्हें “परेशान” भी कर सकते हैं।
वास्तव में डेडबॉट्स दिवंगत हो गए अपने लोगों का AI-सक्षम डिजिटल रिप्रेजेन्टेटिव हैं। ये चैटबॉट अपने डिजिटल फ़ुटप्रिंट, जैसे ईमेल, सोशल मीडिया पोस्ट और यहां तक कि वॉयस रिकॉर्डिंग का उपयोग करके दिवंगत व्यक्ति के भाषा पैटर्न और व्यक्तित्व लक्षणों की नक़ल करते हैं, ताकि एक संवाद करने वाला एआई बनाया जा सके।
यह AI डेडबॉट्स उस मृत व्यक्ति के व्यक्तित्व को दर्शाता है। दूसरे शब्दों में कहें तो मर गए अपने परिजनों की बातचीत, स्वभाव इत्यादि के आधार पर उन्हें डिजिटल रूप दिया जाता है ताकि व्यक्ति को लगे उनका मृत परिजन या प्रियजन उनके सामने हैं।
इन डेडबॉट्स के माध्यम से असाध्य रोगों से पीड़ित माता-पिता अपने बच्चे के लिए भविष्य में कुछ छोड़ना चाहते हैं, या सन्देश छोड़ सकते हैं। स्वस्थ लोग अपने पूरे जीवन को इसमें कैद करना चाहते हैं और एक इंटरैक्टिव विरासत बनाना चाहते हैं ताकि उनके बच्चे उनको याद कर सके और उनकी कमी नहीं महसूस हो। हालांकि इसको लेकर चिंताएं भी उठी हैं।
2017 में, माइक्रोसॉफ्ट ने एक डेडबॉट के लिए पेटेंट हासिल किया जो मृतकों को डिजिटल रूप में ‘पुनर्जीवित’ कर सकता है। “प्रोजेक्ट दिसंबर” नामक एक एआई चैटबॉट मृतकों सहित किसी के साथ टेक्स्ट-आधारित संवाद की नक़ल करने के लिए पेटेंट-पेंडिंग तकनीक का उपयोग करता है। ऐसी सेवाएँ संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन में शुरू हो गई हैं।