ग्लोबल स्टेटस ऑफ़ मल्टी-हैज़र्ड अर्ली वार्निंग सिस्टम-टारगेट-G रिपोर्ट
यूएन ऑफिस फॉर डिजास्टर रिस्क रिडक्शन (UNDRR) और विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की 13 अक्टूबर को प्रकाशित एक नई रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि दुनिया के आधे देशों को मल्टी-हैजर्ड अर्ली वार्निंग सिस्टम (MHEWS) की सुरक्षा प्राप्त नहीं हैं।
ग्लोबल स्टेटस ऑफ़ मल्टी-हैज़र्ड अर्ली वार्निंग सिस्टम – टारगेट-G रिपोर्ट , नए डेटा पर आधारित है जो दर्शाता है कि सीमित अर्ली वार्निंग कवरेज वाले देशों में आपदाओं के दौरान मृत्यु दर, व्यापक कवरेज वाले देशों की तुलना में आठ गुना अधिक है।
UNDRR-WMO की यह संयुक्त रिपोर्ट सेंडाई फ्रेमवर्क (Sendai Framework) के टारगेट-G के खिलाफ मल्टी-हैजर्ड अर्ली वार्निंग सिस्टम (MHEWS) की वर्तमान वैश्विक स्थिति का आकलन करती है।
यह सदस्य देशों द्वारा आधिकारिक तौर पर रिपोर्ट किए गए डेटा को WMO सर्वेक्षण के माध्यम से एकत्र किए गए डेटा से जोड़ती है।
रिपोर्ट से पता चलता है कि कम विकसित देशों (LDCs), लघु द्वीपीय विकाशील देशों (SIDS) और अफ्रीका के देशों को अर्ली वार्निंग कवरेज बढ़ाने और आपदाओं के खिलाफ पर्याप्त रूप से खुद को बचाने के लिए सबसे अधिक निवेश की आवश्यकता है।
सेंडाई फ्रेमवर्क कार्यान्वयन (2015-2021) के पहले सात वर्षों में, COVID-19 से संबंधित मृत्यु दर को छोड़कर, 135 देशों (टारगेट-A) द्वारा आपदा से संबंधित कुल लगभग 300,000 मौतों (लापता व्यक्तियों सहित) की सूचना दी गई थी।
सेंडाई फ्रेमवर्क, अपने टारगेट-G के माध्यम से, “2030 तक लोगों के लिए मल्टी-हैजर्ड अर्ली वार्निंग सिस्टम और आपदा जोखिम की जानकारी और आकलन की उपलब्धता और उस तक पहुंच को पर्याप्त रूप से बढ़ाने” का लक्ष्य रखे हुआ है। UNDRR को सेंडाई फ्रेमवर्क के कार्यान्वयन की निगरानी करने का कार्य (मैंडेट) सौंपा गया है।
मल्टी-हैजर्ड अर्ली वार्निंग सिस्टम (MHEWS) के चार परस्पर संबंधित प्रमुख तत्व हैं:
1. डेटा के व्यवस्थित संग्रह के आधार पर आपदा जोखिम ज्ञान और आपदा जोखिम आकलन,
2. खतरों का पता लगाना, इसकी निगरानी, विश्लेषण और पूर्वानुमान और संभावित परिणाम,
3. एक आधिकारिक स्रोत द्वारा आधिकारिक, समय पर, सटीक और कार्रवाई योग्य चेतावनियों और संभावना और प्रभाव पर संबंधित जानकारी का प्रसार और संचार; और
4. प्राप्त चेतावनियों को रिस्पांस देनेके लिए सभी स्तरों पर तैयारी।
सेंडाई फ्रेमवर्क के सात लक्ष्य
टारगेट (A) 2030 तक आपदा से होने वाली वैश्विक मृत्यु दर को काफी कम करना, 2005-2030 की अवधि की तुलना में 2020-2030 में औसत प्रति 100,000 वैश्विक मृत्यु दर को कम करना;
टारगेट (B) 2030 तक विश्व स्तर पर आपदा प्रभावित लोगों की संख्या को काफी कम करना,
टारगेट (C) 2030 तक वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के संबंध में प्रत्यक्ष आपदा आर्थिक नुकसान को कम करना;
टारगेट (D) आपदा से क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को होने वाली क्षति को कम करना और स्वास्थ्य और शैक्षिक सुविधाओं जैसी सेवाओं में व्यवधान को रोकना;
टारगेट (E) राष्ट्रीय और स्थानीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण रणनीति बनाने वाले देशों की संख्या में पर्याप्त वृद्धि करना;
टारगेट (F) विकासशील देशों के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को पर्याप्त रूप से बढ़ाना;
टारगेट (G) वर्ष 2030 तक लोगों के लिए मल्टी-हैजर्ड अर्ली वार्निंग सिस्टम और आपदा जोखिम की जानकारी और आकलन की उपलब्धता और उस तक पहुंच को पर्याप्त रूप से बढ़ाना।