केंद्र ने सभी राज्यों को रेबीज को अधिसूचित रोग बनाने के लिए कहा है
स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को मानव रेबीज (Human Rabies) को एक अधिसूचित रोग (Notifiable Disease) बनाने के लिए कहा है ताकि राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम के तहत सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य सुविधाओं (मेडिकल कॉलेजों सहित) के लिए मानव रेबीज के सभी संदिग्ध, संभावित और पुष्टि किए गए मामलों की रिपोर्ट करना अनिवार्य किया जा सके।
प्रमुख तथ्य
रेबीज एक विषाणुजनित रोग (viral disease) है, और हर साल हजारों लोगों की मौत का कारण बनता है, मुख्य रूप से एशिया और अफ्रीका में।
अंडमान और निकोबार और लक्षद्वीप द्वीपों को छोड़कर पूरे भारत से मानव रेबीज संक्रमण की रिपोर्ट की जाती है।
बता दें कि अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप ऐतिहासिक रूप से रेबीज मुक्त क्षेत्र रहे हैं।
मानव रेबीज का मुख्य स्रोत कुत्ते हैं। मनुष्यों में 99% रेबीज संक्रमण के लिए कुत्तों के काटना जिम्मेदार है। यह हमेशा घातक होता है लेकिन टीकाकरण के माध्यम से इसे रोका जा सकता है।
रेबीज के खिलाफ सरकार के कदम
भारत ने रेबीज के उन्मूलन की दिशा में कार्रवाई में तेजी लाने के लिए 28 सितंबर, 2021 को विश्व रेबीज दिवस के अवसर पर 2030 तक भारत से डॉग मेडिएटेड रेबीज उन्मूलन के लिए एक राष्ट्रीय कार्य योजना ( National Action Plan for Dog Mediated Rabies Elimination from India by 2030) शुरू की।
पशुपालन और डेयरी विभाग ने पशु जन्म नियंत्रण (डॉग) नियम, 2001 (Animal Birth Control (Dogs) Rules, 2001) को लागू किया है, जिसे 2010 में संशोधित किया गया था। इसे आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए स्थानीय अधिकारियों द्वारा लागू किया जाना है।
नियमों का मुख्य फोकस रेबीज रोधी टीकाकरण और आवारा कुत्तों की नसबंदी पर है ताकि इसकी आबादी को स्थिर किया जा सके।
इसके अलावा, पशु कल्याण बोर्ड ने पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम के उचित कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकारों को कई दिशा-निर्देश और परामर्श जारी किए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी, कृषि और किसान कल्याण, पंचायती राज, और आवास और शहरी मामलों के मंत्रालयों और सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग के सहयोग से रेबीज उन्मूलन योजना (rabies eradication plan) शुरू की।
रेबीज उन्मूलन योजना का मुख्य उद्देश्य रेबीज के उन्मूलन के लिए एक कार्य योजना तैयार करना है; इसके कार्यान्वयन के लिए राज्यों को मजबूत करना; और सार्वजनिक स्वास्थ्य और पशु चिकित्सा सेवाओं और स्थानीय शासी निकायों की क्षमताओं को मजबूत करना।
इसके लिए एक राष्ट्रीय संयुक्त संचालन समिति का गठन किया गया है और राज्यों को कार्य योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए राज्य स्तरीय समितियों का गठन करने के लिए कहा गया है।
केंद्र सरकार रेबीज को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित गतिविधियों का भी समर्थन करता है।