पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना 2023-24

चालू वित्त वर्ष (2023-24) में कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए राज्यों को ₹1.3 ट्रिलियन की विशेष सहायता स्कीम के तहत सबसे अधिक राशि उत्तर प्रदेश को प्राप्त हुई है।

13 दिसंबर तक, योजना के तहत स्वीकृत ₹98,156.9 करोड़ में से उत्तर प्रदेश को पात्रता मानदंड के आधार पर ₹18,936 करोड़ मिले, इसके बाद बिहार (₹9,932.25 करोड़), मध्य प्रदेश (₹8,134 करोड़, और पश्चिम बंगाल (7,523 करोड़) को मिले।

इस योजना के दोहरे उद्देश्य हैं: राज्यों को नागरिक-केंद्रित सुधार करने के लिए प्रेरित करने के अलावा सार्वजनिक व्यय के माध्यम से विकास को गति प्रदान करना।

केरल और आंध्र प्रदेश जैसे कुछ राज्य लाभ प्राप्त करने के लिए पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं। इसलिए उन्हें स्कीम के तहत सहायता राशि नहीं मिली है।

“पूंजीगत व्यय के लिए राज्यों को विशेष सहायता की योजना” FY2020-21 में शुरू की गई थी। अब इस योजना का विस्तार किया गया है और इसे ₹13 लाख करोड़ के आवंटन के साथ ‘पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना 2023-24’ (Scheme for Special Assistance to States for Capital Investment 2023-24) के रूप में जारी रखा गया है।

योजना के तहत, राज्य सरकारों को वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 1.3 लाख करोड़ रुपये की कुल राशि तक 50 साल के ब्याज मुक्त ऋण के रूप में विशेष सहायता प्रदान की जा रही है।

इसमें भाग- I के तहत ₹1 लाख करोड़ की राशि 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार केंद्रीय करों में हिस्से के अनुपात में राज्यों को आवंटित किया गया है।

सुधार-केंद्रित और सेक्टर-विशिष्ट क्षेत्रों के लिए 30,000 करोड़ रुपये की अन्य राशि प्रदान की जाती है। इन क्षेत्रों में शामिल हैं; पुराने वाहनों का उपयोग खत्म करना, अर्बन प्लानिंग में सुधार, शहरी स्थानीय निकायों में वित्तपोषण सुधारों को नगरपालिका बांड के लिए क्रेडिट योग्य बनाना, पुलिस स्टेशनों के ऊपर या उसके पैसा पुलिस कर्मियों के लिए आवास, यूनिटी मॉल, बच्चों और किशोरों की लाइब्रेरी और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर।

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