BBNJ -High Seas Treaty: संयुक्त राष्ट्र ने अंतर्राष्ट्रीय जल की रक्षा करने वाली पहली संधि को अपनाया
संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों ने 19 जून, 2023 को खुले समुद्र (high seas) को नियंत्रित करने वाली कानूनी रूप से बाध्यकारी पहली अंतर्राष्ट्रीय संधि को अपनाया है।
BBNJ-हाई-सी संधि के बारे में
इसे “राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार से परे जैव विविधता संधि (Biodiversity Beyond National Jurisdiction Treaty)” या BBNJ के रूप में जाना जाता है, लेकिन व्यापक रूप से खुला समुद्र संधि (High Seas Treaty) के रूप में जाना जाता है।
यह संधि पर्यावरण की रक्षा करने और किसी भी देश के राष्ट्रीय अधिकार क्षेत्र के बाहर जल में प्राकृतिक संसाधनों, नौवहन और अन्य मामलों पर विवादों को दूर करने के उद्देश्य से नियम लागू करती है।
बता दें कि राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार से परे समुद्री जैव विविधता पर अंतर सरकारी सम्मेलन (BBNJ ) ने “खुला समुद्र” संधि को अपनाया गया था।
इस संधि का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र समुद्र कानून कन्वेंशन (UNCLOS) के अनुरूप वर्तमान और भावी पीढ़ियों की ओर से महासागर का प्रबंधन करना है।
नए समझौते में 75 अनुच्छेद शामिल हैं जिनका उद्देश्य समुद्री पर्यावरण की सुरक्षा, देखभाल और जिम्मेदार उपयोग सुनिश्चित करना, समुद्री पारिस्थितिक तंत्र की अखंडता को बनाए रखना और समुद्री जैविक विविधता के निहित मूल्य का संरक्षण करना है।
इस संधि का उद्देश्य रेसिलिएंस को मजबूत करना है और इसमें प्रदूषण फैलाने वालों द्वारा भुगतान का सिद्धांत ( polluter-pays principle) के साथ-साथ मैकेनिज्म के आधार पर विवादों के समाधान पर पर प्रावधान शामिल हैं।
संधि के प्रावधानों के तहत, संधि के पक्षकारों को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर किसी भी उनकी गतिविधियों के संभावित पर्यावरणीय प्रभावों का आकलन करना चाहिए।
यह संधि क्षमता निर्माण और समुद्री प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के महत्व को रेखांकित करती है, जिसमें संस्थागत क्षमता और राष्ट्रीय विनियामक ढांचे या तंत्र का विकास और मजबूती शामिल है।
यह संधि कई मामलों में मार्गदर्शन भी प्रदान करेगी जिनमें महासागर प्रबंधन के लिए एकीकृत एप्रोच शामिल है। यह एप्रोच जलवायु परिवर्तन और समुद्र के अम्लीकरण के प्रतिकूल प्रभावों से निपटने के लिए इकोसिस्टम रेसिलिएंस पर बल देता है, और कार्बन साइकिलिंग सेवाओं सहित पारिस्थितिकी तंत्र की अखंडता को बनाए रखता है और पुनर्स्थापित करता है।
इस संधि के प्रावधान स्वदेशी लोगों और स्थानीय समुदायों के अधिकारों और पारंपरिक ज्ञान; वैज्ञानिक अनुसंधान की स्वतंत्रता, और लाभों के उचित और समान बंटवारे की आवश्यकता पर भी बल देते हैं।
नया समझौता समुद्री संरक्षित क्षेत्रों सहित क्षेत्र-आधारित प्रबंधन उपकरणों की स्थापना को सक्षम करेगा, ताकि खुले समुद्रों और अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में प्रजातियों और उनके महत्वपूर्ण हैबिटेट को संरक्षित और सस्टेनेबल रूप से प्रबंधित किया जा सके।
यह संधि लघु द्वीपीय देशों और भूमि से घिरे विकासशील देशों की विशेष परिस्थितियों पर भी विचार करती है।