शिक्षा मंत्रालय ने ‘साक्षरता’ और ‘पूर्ण साक्षरता’ को परिभाषित किया
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय (MoE) ने न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम (NILP) के तहत वयस्क साक्षरता के लिए नए सिरे से किए गए प्रयास के मद्देनजर ‘साक्षरता’ को परिभाषित किया है और ‘पूर्ण साक्षरता’ (full literacy) हासिल करने का क्या मतलब है, इसको स्पष्ट किया है।
NILP पाँच वर्षीय कार्यक्रम (2022-27) है, जिसका उद्देश्य सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रति वर्ष 15 वर्ष से अधिक आयु के एक करोड़ शिक्षार्थियों को शामिल करना है।
साक्षरता (Literacy) को पढ़ने, लिखने और समझ के साथ गणना करने की क्षमता के रूप में समझा जा सकता है, यानी डिजिटल साक्षरता, वित्तीय साक्षरता जैसे महत्वपूर्ण जीवन कौशल के साथ-साथ पहचानना, समझना, व्याख्या करना और बनाना।
पूर्ण साक्षरता यानी फुल लिटरेसी (100% साक्षरता के बराबर मानी जाएगी) किसी राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में 95% साक्षरता प्राप्त करना होगा जिसे पूरी तरह से साक्षर के बराबर माना जा सकता है।
एक निरक्षर व्यक्ति को NILP के तहत साक्षर माना जा सकता है, उपर्युक्त परिभाषा के अनुसार जब उसे मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक मूल्यांकन परीक्षण (Foundational Literacy and Numeracy Assessment Test: FLNAT) लेने के बाद साक्षर घोषित किया गया हो।