‘बाल विवाह मुक्त भारत’ राष्ट्रीय अभियान
केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने 27 नवंबर 2024 को एक राष्ट्रीय अभियान “बाल विवाह मुक्त भारत” (Bal Vivah Mukt Bharat) शुरू किया।
22 जनवरी, 2015 को प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना की सफलता से प्रेरित होकर, जो बालिकाओं के महत्व के प्रति समाज में व्यवहार और सोच में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक रही है, बाल विवाह मुक्त भारत अभियान देश को बाल विवाह मुक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
बाल विवाह मुक्त भारत विकसित भारत की सोच को साकार करने के लिए लड़कियों और महिलाओं में शिक्षा, कौशल, उद्यम और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए अनिवार्य है।
अभियान के हिस्से के रूप में, केंद्रीय मंत्री ने बाल विवाह मुक्त भारत पोर्टल का भी उद्घाटन किया, जो एक अभिनव ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म है जो नागरिकों को बाल विवाह की घटनाओं की रिपोर्ट करने, शिकायत दर्ज करने और देश भर में बाल विवाह निषेध अधिकारियों (CMPOs) के बारे में जानकारी प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।
यह पोर्टल नागरिकों को सशक्त बनाने और बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 को लागू करने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अपने मुख्य भाषण में, केंद्रीय मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने महिलाओं के सशक्तीकरण में किए गए महत्वपूर्ण कदमों पर जोर दिया, जिसमें जन्म के समय लिंगानुपात 2014-15 के 918 से बढ़कर 2023-24 में 930 हो गया।
उन्होंने पुष्टि की कि बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़कों की शादी पर सख्त प्रतिबंध है, और उल्लंघन करने वालों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है।
केंद्रीय मंत्री ने पिछले साल एक लाख से अधिक बाल विवाह रोकने में सफलता पर भी प्रकाश डाला।
यह अभियान 25 नवंबर (महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस) से 10 दिसंबर (मानवाधिकार दिवस) तक चलने वाले वैश्विक आंदोलन, जेंडर आधारित हिंसा के खिलाफ 16 दिवसीय सक्रियता के साथ शुरू हुआ है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी प्रमुख पहलों की सफलता के आधार पर, यह अभियान बाल विवाह के खिलाफ सामूहिक कार्रवाई को प्रेरित करना चाहता है।