जीएसटी परिषद ने धारा 132 के तहत कुछ अपराधों को अपराध की श्रेणी से हटाया

केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में GST काउंसिल की 48वीं बैठक 17 दिसंबर को संपन्न हुई। इस बैठक में विभिन्न राज्यों व केंद्रीय शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री भी शामिल हुए। इस बैठक में निम्नलिखित निर्णय लिए गए:

  • दाल के छिलके या भूसी से GST हटाने के सुझाव को मंजूरी दी है। पहले दाल के छिलकों पर 5 फीसदी GST लगता था। बता दें कि दालों की भूसी का इस्तेमाल पोल्ट्री फार्मिंग में किया जाता है।
  • मोटर स्पिरिट (पेट्रोल) में मिलाने के लिए रिफाइनरियों को आपूर्ति किया गया इथाइल एल्कोहल पर GST 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है।

व्यापार को सुगम बनाने के लिए GST के तहत कुछ अपराधों को अपराध की श्रेणी से हटा दिया गया है:

  • GST के तहत मुकदमा शुरू करने के लिए कर राशि की न्यूनतम सीमा 1 करोड़ रुपये से बढ़ा कर 2 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जिसमें वस्तु या सेवाओं या दोनों की आपूर्ति के बिना चालान जारी करने के अपराध शामिल नहीं होंगे;
  • कंपाउंडिंग राशि को कर राशि के 50%-150% की वर्तमान सीमा से घटाकर 25%-100 % की सीमा तक ला दिया गया है। अपराध के कंपाउंडिंग का मतलब मुकदमेबाजी से गुजरने के बजाय मौद्रिक मुआवजे का भुगतान करना है।
  • CGST अधिनियम, 2017 की धारा 132 की उप-धारा (1) के खंडg), (j) और (k) के तहत निर्धारित कुछ अपराधों को गैर-अपराध घोषित किया गया है जैसे– किसी अधिकारी को उसके कर्तव्यों के निर्वहन में बाधा डालना या रोकना; – महत्वपूर्ण साक्ष्य के साथजानबूझकर छेड़छाड़ करना; सूचना प्रदान करने में विफलता।

जिन विषयों पर निर्णय नहीं लिया गया

  • पान मसाला व गुटखा व्यावसायों द्वारा कथित तौर पर की जा रही टैक्स चोरी पर लगाम लगाने के लिए प्रस्तावित अपीलीय प्राधिकरण पर कोई फैसला नहीं हो पाया।
  • ऑनलाइन गेमिंग और कैसिनो पर जीएसटी बढ़ाने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। दरअसल, इस संबंध में मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी और ऑनलाइन गेमिंग व कैसिनो पर जीएसटी को बढ़ाकर 28 फीसदी करने की सिफारिश की थी।

GST परिषद के बारे में

  • GST परिषद का गठन संविधान (101वें संशोधन) अधिनियम, 2016 द्वारा भारत के संविधान में अनुच्छेद 279A (1) को सम्मिलित करके किया गया था।
  • संशोधित संविधान के अनुच्छेद 279A के अनुसार, GST परिषद केंद्र और राज्यों का एक संयुक्त मंच है, और इसमें शामिल हैं: केंद्रीय वित्त मंत्री – अध्यक्ष b) केंद्रीय राज्य मंत्री, राजस्व या वित्त प्रभार- सदस्य c ) राज्यों के वित्त या कराधान के प्रभारी मंत्री या प्रत्येक राज्य सरकार द्वारा नामित व्यक्ति- सदस्य।
  • अनुच्छेद 279A (4) के अनुसार, GST परिषद, GST से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्र और राज्यों को सिफारिशें करेगी।
  • सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार, GST परिषद की सिफारिशें संघ और राज्यों के लिए बाध्यकारी नहीं हैं।
  • न्यायालय ने यह भी कहा था कि अनुच्छेद 279A (4) के तहत शक्तियों के आधार पर की गई जीएसटी परिषद की सभी सिफारिशें प्राथमिक कानून बनाने के लिए विधायिका की शक्ति पर बाध्यकारी नहीं हैं। जीएसटी पर कानून बनाने के लिए केंद्र और राज्यों के पास समान अधिकार हैं।
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