UN महासभा में फिलिस्तीनी सदस्यता का समर्थन करने वाले संकल्प के पक्ष में भारत का मतदान

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 10 मई, 2024 को UN की फिलिस्तीनी सदस्यता का समर्थन करने वाले एक संकल्प को पारित किया, जिसमें भारत सहित 143 देशों ने संकल्प के पक्ष में मतदान किया।

अमेरिका और इजरायल सहित नौ देशों ने संकल्प के खिलाफ मतदान किया जबकि अन्य 25 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया। पिछले महीने अमेरिका द्वारा इसी तरह के कदम पर वीटो करने के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से “मामले पर अनुकूल तरीके से पुनर्विचार” करने की सिफारिश की।

हालांकि, इस संकल्प को अपनाने भर से फिलिस्तीन को संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता नहीं मिल जायेगी। संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता प्राप्त करने के लिए  सुरक्षा परिषद की मंजूरी (बिना किसी वीटो के) और फिर महासभा में दो-तिहाई बहुमत के वोट की आवश्यकता पड़ती है।  

फिलहाल जो संकल्प अपनाया गया है वह फ़िलिस्तीन को केवल अतिरिक्त अधिकार प्रदान करता है और वह इसका गैर-सदस्य पर्यवेक्षक राज्य बना रहेगा। इसकी पूर्ण सदस्यता का निर्णय केवल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा किया जा सकता है।  

नया संकल्प उसे उसे चर्चाओं में पूरी तरह से भाग लेने, एजेंडा आइटम प्रस्तावित करने और समितियों में अपने प्रतिनिधियों को निर्वाचित करने की अनुमति मिलती है।

हालांकि, उसे अभी भी वोट डालने का अधिकार नहीं होगा – जिसे देने की शक्ति महासभा के पास नहीं है और उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा समर्थित होना होगा।

गौरतलब है कि फिलिस्तीन को 2012 से गैर-सदस्य पर्यवेक्षक राज्य (non-member observer state) का दर्जा प्राप्त है, जिसे पूर्ण सदस्य की तुलना में कम अधिकार प्राप्त है। सदस्यता का निर्णय केवल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा किया जा सकता है।

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