UNESCAP- डिजिटल और सतत व्यापार सुविधा पर वैश्विक सर्वेक्षण 2023

एशिया प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (UNESCAP) ने हाल में “डिजिटल और सतत व्यापार सुविधा पर वैश्विक सर्वेक्षण 2023” (Global Survey on Digital and Sustainable Trade Facilitation) जारी किया है।

सर्वे में भारत का प्रदर्शन

सर्वे में भारत ने बेहतर प्रदर्शन किया है। भारत अब दक्षिण एशिया क्षेत्र के सभी देशों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला देश है। भारत का समग्र स्कोर कनाडा, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी जैसे कई विकसित देशों से अधिक रहा है।

वर्ष 2023 सर्वेक्षण में 140 से अधिक अर्थव्यवस्थाओं को शामिल किया गया है और 60 व्यापार सुविधा उपायों का मूल्यांकन किया गया है।

वर्ष 2023 में भारत ने 93.55 प्रतिशत स्कोर हासिल किये हैं जो 2021 के 90.32 प्रतिशत के स्कोर से अधिक है।

वर्ष 2023 के सर्वेक्षण ने विभिन्न उप संकेतकों में भारत की असाधारण प्रगति को मान्यता दी है, जिसमें देश ने चार प्रमुख क्षेत्रों: पारदर्शिता, औपचारिकताएं, संस्थागत व्यवस्था तथा सहयोग, और पेपरलेस व्यापार में 100 प्रतिशत का उत्कृष्ट स्कोर हासिल किया है।

ये उल्लेखनीय अंक व्यापार प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने, पारदर्शिता बढ़ाने और तुरंत कस्टम्स, व्यापार की सुविधा के लिए सिंगल विंडो इंटरफेस (SWIFT), प्री-अराइवल डेटा प्रोसेसिंग, ई-संचित, समन्वित सीमा प्रबंधन जैसी पहल के माध्यम से हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने में भारत के प्रयासों का प्रतिफल हैं।

भारत ने “व्यापार सुविधा में महिलाएं” घटक के लिए स्कोर में 2021 के 66.7 प्रतिशत की तुलना में 2023 में 77.8 प्रतिशत स्कोर प्राप्त किये है।

डिजिटल और सतत व्यापार सुविधा पर वैश्विक सर्वेक्षण

एशिया प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (UNESCAP) द्वारा आयोजित डिजिटल और सतत व्यापार सुविधा पर वैश्विक सर्वेक्षण में विश्व व्यापार संगठन (WTO) व्यापार सुविधा समझौते (TFA) के साथ-साथ 11 उप-समूहों में वर्गीकृत लगभग 60 व्यापार सुविधा उपायों का समूह शामिल हैं।

ये 11 हैं: पारदर्शिता; औपचारिकताएँ; संस्थागत व्यवस्था एवं सहयोग; पारगमन सुविधा; कागज रहित व्यापार; सीमा पार कागज रहित व्यापार; एसएमई के लिए व्यापार सुविधा; कृषि व्यापार सुविधा; व्यापार सुविधा में महिलाएँ; व्यापार सुविधा के लिए व्यापार वित्त; और संकट के समय में व्यापार सुविधा।

सर्वेक्षण धारणा-आधारित के बजाय तथ्य-आधारित है। डेटा संग्रह और सत्यापन के लिए आम तौर पर तीन-चरणीय दृष्टिकोण अपनाया जाता है, जिसे हर 2 साल में 6 महीने की अवधि में लागू किया जाता है।

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