संयुक्त राष्ट्र ने प्राकृतिक पादप रेशों पर बांग्लादेश के संकल्प को अपनाया

संयुक्त राष्ट्र (UN) ने सर्वसम्मति से बांग्लादेश द्वारा प्रस्तुत संकल्प, ‘प्राकृतिक पादप फाइबर और सतत विकास‘ (Natural Plant Fibres and Sustainable Development) को अपना लिया है।

22 नवंबर को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय न्यूयॉर्क में अपनाए गए संकल्प में सदस्य देशों से सतत विकास के लिए प्राकृतिक पौधों के रेशों (Natural Plant Fibres) के संधारणीय उत्पादन, उपभोग और  उपयोग का समर्थन करने का आग्रह किया गया।

इस संकल्प में विशेष रूप से राष्ट्रों से स्थानीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर इन फाइबर के सतत  उत्पादन और उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक समर्थन प्रदान करने और आवश्यक संसाधन जुटाने का आग्रह किया गया।

पौधों के रेशों में;  बिनौला (cottonseed) के तंतु (कपास); तने के रेशे (सन/अलसी और हेम्प/भांग) ); पत्ती के रेशे (सिसल); और छिलके के रेशे (नारियल)।

इस संकल्प में प्राकृतिक रेशों को सिंथेटिक और प्लास्टिक-आधारित उत्पादों के उपयुक्त विकल्प के रूप में भी मान्यता दी गई है, जिसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि प्राकृतिक रेशों का उत्पादन, उपभोग और उपयोग 2030 के एजेंडे को प्राप्त करने में योगदान दे सकता है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने प्राकृतिक रेशों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और मांग को प्रोत्साहित करने के लिए 2009 को प्राकृतिक रेशों का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष घोषित किया।

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