यूजीसी (भारत में विदेशी उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों के परिसरों की स्थापना और संचालन) विनियम, 2023

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने 8 नवंबर को यूजीसी (भारत में विदेशी उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों के परिसरों की स्थापना और संचालन) विनियम, 2023 को अधिसूचित किया।

नियमों का उद्देश्य भारत में विदेशी उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों (FHEIs) के प्रवेश को सुविधाजनक बनाना है।

इसका लक्ष्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों के अनुरूप और भारत में हायर एजुकेशन को एक अंतरराष्ट्रीय आयाम प्रदान करना है।

इन विनियमों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत में स्थित विदेशी संस्थानों के कैंपस में दी जाने वाली शिक्षा विदेशी संस्थान के मूल देश के प्रधान कैंपस के बराबर हो और इसका संचालन भारत में लागू कानूनों और रेगुलेशन का अनुपालन करे।

भारत में कैंपस स्थापित करने के इच्छुक विदेशी संस्थानों को समय-समय पर वैश्विक रैंकिंग की समग्र श्रेणी में शीर्ष 500 में स्थान हासिल करना चाहिए, या विषय-वार शीर्ष 500 में स्थान हासिल करना चाहिए

समय-समय पर UGC द्वारा तय किए गए किसी विशेष क्षेत्र में उत्कृष्ट विशेषज्ञता भी एक पात्रता है।

यदि कोई FHEI विदेशी दान प्राप्त करने या उसका उपयोग करने की इच्छा रखता है, तो उसे विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 के तहत पंजीकरण या पूर्व अनुमति प्राप्त करनी होगी और FCRA के तहत कानूनी आवश्यकता का अनुपालन करना होगा।

अपने भारतीय परिसरों में, विदेशी विश्वविद्यालयों को स्नातक, स्नातकोत्तर, डॉक्टरेट और पोस्ट-डॉक्टरेट स्तरों पर प्रमाणपत्र, डिप्लोमा, डिग्री, अनुसंधान और अन्य कार्यक्रमों के लिए अध्ययन कार्यक्रम पेश करने की अनुमति दी जाएगी।

इन विनियमों के तहत कोई भी कार्यक्रम ऑनलाइन या ओपन और डिस्टेंस लर्निंग मोड में पेश नहीं किया जा सकता है

विदेशी विश्वविद्यालय शिक्षण केंद्र, अध्ययन केंद्र या फ्रेंचाइजी नहीं खोल सकते हैं। उन्हें भारत में अपने कैंपस में कोई भी नया कार्यक्रम शुरू करने से पहले UGC से पूर्वानुमति लेनी होगी।

विदेशी संस्थानों को एकमुश्त आवेदन शुल्क के अलावा यूजीसी को कोई वार्षिक शुल्क नहीं देना होगा।

वे अपने स्वयं के बुनियादी ढांचे, भूमि, भौतिक संसाधनों और मानव संसाधनों का उपयोग करके अपने परिसर स्थापित करेंगे। भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों के परिसरों को उनके भर्ती मानदंडों के अनुसार संकाय और कर्मचारियों की भर्ती करने की स्वायत्तता होगी।

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