अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024
रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड जे. ट्रम्प संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति ने निर्वाचित हुए। उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस को पराजित किया। डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति भी रह चुके हैं।
इस बार ट्रम्प ने रेड (रिपब्लिकन स्टेट) और ब्लू (डेमोक्रेटिक पार्टी स्टेट), दोनों राज्यों में अपने 2020 के प्रदर्शन में सुधार करते हुए और 270 इलेक्टोरल कॉलेज वोटों तक पहुँचने के लिए सभी सात स्विंग स्टेट्स में जीत हासिल करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति पद जीता है। राष्ट्रपति चुनाव 5 नवंबर, 2024 को हुआ था।
6 नवंबर को ही ट्रम्प ने जीत के लिए आवश्यक 270 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हासिल कर लिए थे। उन्होंने अंततः 312 इलेक्टोरल कॉलेज वोट जीते जबकि हैरिस को 226 वोट मिले (कुल 538 इलेक्टोरल कॉलेज वोट )।
ट्रम्प ने पहले ही लगभग 73 मिलियन पॉपुलर वोट जीत लिए हैं, जबकि हैरिस को 68 मिलियन वोट मिले हैं। इस चुनाव से पहले, जॉर्ज डब्ल्यू बुश 20 साल पहले पोपुलर वोट जीतने वाले अंतिम रिपब्लिकन थे।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया को कई प्रमुख चरणों में बांटा गया है, जिसमें प्राइमरी और कॉकस, नेशनल कन्वेंशन, आम चुनाव अभियान और इलेक्टोरल कॉलेज वोट शामिल है।
सबसे पहले प्राइमरी और कॉकस चरण हैं, जिसमें सभी 50 राज्यों, डिस्ट्रिक्ट ऑफ़ कोलंबिया और अमेरिकी क्षेत्रों में राष्ट्रपति उम्मीदवार चुनने का चुनाव होता है।
प्राइमरी और कॉकस के बाद डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टियां अपने नेशनल कन्वेंशन आयोजित करती हैं। इन कन्वेंशंस में भाषण, रैलियां और राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिए प्रत्येक पार्टी के उम्मीदवार का आधिकारिक घोषणा होती है।
नेशनल कन्वेंशन में ही राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार अपना उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुनता है। हर बार नवंबर के पहले सोमवार के बाद पहले मंगलवार को ही अमेरिका में चुनाव होते हैं।
दूसरे लोकतांत्रिक देशों के विपरीत अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव सीधे पॉपुलर वोट (कुल वोट) से नहीं होता है। इसमें इलेक्टोरल कॉलेज निर्णायक भूमिका निभाता है।
जब वोटर अपना वोट डालते हैं, तो वास्तव में वो एक ऐसी टीम को वोट करते हैं जिन्हें इलेक्टर या निर्वाचक कहा जाता है। राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक उम्मीदवार के पास इलेक्टर का अपना ग्रुप होता है जिसे स्लेट के रूप में जाना जाता है।
अमेरिकी इलेक्टोरल कॉलेज अमेरिकी चुनाव प्रक्रिया का सबसे अहम् पहलू होता है। इसमें प्रत्येक राज्य को कांग्रेस में उसकी जनसँख्या के आधार पर एक निश्चित संख्या में निर्वाचक या इलेक्टर आवंटित होते हैं। इसमें सीनेटरों की संख्या हमेशा दो और आबादी के अनुसार प्रतिनिधियों की संख्या शामिल होती है। जैसे कि कैलिफोर्निया के 54 इलेक्टोरल होते हैं।
कुल 538 निर्वाचक होते हैं और चुनाव के बाद यही निर्वाचक राष्ट्रपति को चुनते हैं। खास बाद यह है कि, जिस उम्मीदवार को किसी राज्य में सबसे ज़्यादा वोट मिलते हैं, उसे उसके सभी इलेक्टोरल वोट मिल जाते हैं।
48 राज्यों और वाशिंगटन, डीसी में, विजेता को उस राज्य के सभी इलेक्टोरल वोट मिलते हैं। मेन और नेब्रास्का आनुपातिक प्रणाली का उपयोग करके अपने इलेक्टर्स को नियुक्त करते हैं।
जिस उम्मीदवार को 270 इलेक्टोरल वोट मिलते है, वो जीता माना जाता है। जिस उम्मीदवार को इलेक्टोरल वोटों का बहुमत मिलता है, उसे आधिकारिक तौर पर 20 जनवरी को अमेरिका का अगला राष्ट्रपति घोषित किया जाता है।