संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानून आयोग (UNCITRAL)
भारत ने 14 से 16 सितंबर तक संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानून आयोग (UNCITRAL) के प्रथम दक्षिण एशिया सम्मेलन की मेजबानी की। सम्मेलन का आयोजन विदेश मंत्रालय, UNCITRAL और भारत के लिए संगठन की राष्ट्रीय समन्वय समिति द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था।
UNCITRAL अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानून के क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र प्रणाली की मुख्य कानूनी संस्था है। भारत UNCITRAL के साथ एक अद्वितीय संबंध साझा करता है और इसकी स्थापना के बाद से पहले 29 सदस्य देशों में से एक होने के नाते UNCITRAL का सदस्य रहा है। यह संयुक्त राष्ट्र की महासभा की एक सहायक संस्था है।
UNCITRAL का व्यवसाय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर नियमों का आधुनिकीकरण करना और सामंजस्य बनाना है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के कानून का “सामंजस्यीकरण” (Harmonization) और “एकीकरण” (unification) उस प्रक्रिया को कहा जाता है जिसके माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्य को सुविधाजनक बनाने वाला कानून बनाया और अपनाया जाता है।
UNCITRAL विश्व व्यापार संगठन (WTO) का हिस्सा नहीं है। WTO संयुक्त राष्ट्र से स्वतंत्र एक अंतरसरकारी संगठन है।
WTO व्यापार नीति के मुद्दों से निपटता है, जैसे व्यापार उदारीकरण, व्यापार बाधाओं को समाप्त करना, अनुचित व्यापार प्रथाएं या आम तौर पर सार्वजनिक कानून से संबंधित अन्य समान मुद्दे, जबकि UNCITRAL अंतरराष्ट्रीय लेनदेन में निजी पक्षकारों पर लागू कानूनों से निपटता है। इसलिए UNCITRAL एंटी-डंपिंग, काउंटरवेलिंग शुल्क या आयात कोटा जैसे “सरकारी” (state-to-state) मुद्दों में शामिल नहीं है।