BPaL: में प्री-XDR टीबी के इलाज में आशाजनक परिणाम
हाल में किये गए परीक्षण में प्री-XDR टीबी या MDR पल्मोनरी टीबी के मरीज के उपचार में तीन दवाओं की खुराक वाली अल्पावधि-कोर्स उपचार के आशाजनक परिणाम प्राप्त हुए हैं।
यह परीक्षण, जिसमें कुल 400 प्रतिभागियों को नामांकित किया गया, अक्टूबर 2021 में शुरू हुआ और देश भर में आठ साइटों पर चल रहा है।
परीक्षण में केवल तीन दवाओं – बेडाक्विलिन, प्रीटोमैनिड और लाइनज़ोलीड (BPaL) का उपयोग किया जाता है- और उपचार केवल 26 सप्ताह तक चलता है। इसके विपरीत दवा-प्रतिरोधी टीबी के पारंपरिक उपचार के मामले में 18 महीने तक प्रत्येक दिन आठ-नौ गोलियाँ दी जाती हैं।
जहां प्रीटोमैनिड और लाइनज़ोलीड दवाएं 26 सप्ताह तक हर दिन लेनी होती हैं, वहीं बेडाक्विलिन पहले पखवाड़े तक रोजाना और फिर 24 सप्ताह तक हर दूसरे दिन लेनी होती है।
कुल मिलाकर, BPaL खुराक से प्री-XDR टीबी वाला मरीज 26 सप्ताह में 500 से अधिक गोलियां खाएगा, जबकि दवा प्रतिरोधी टीबी के पारंपरिक उपचार के साथ 18 महीनों में 4,300 से अधिक गोलियां खाएगा। आमतौर पर देखा गया है कि एक दिन में गोलियों की खुराक की संख्या जितनी अधिक होगी और उपचार की अवधि जितनी अधिक लंबी होगी, उपचार का पालन उतना ही कम होगा, जिसके परिणाम अच्छे नहीं होते।
यहीं पर BPaL खुराक, जिसे WHO द्वारा मंजूर किया गया है लेकिन अभी तक भारत में लागू नहीं किया गया है, प्रभावी सिद्ध होती है।
भारत ने 2025 तक टीबी के मामले को को 80% और टीबी से होने वाली मौतों को 90% तक कम करने का लक्ष्य रखा है।
BPaL खुराक की छोटी अवधि का मतलब यह भी है कि इलाज से गुजर रहे लोग एक भी खुराक नहीं छोड़ सकते हैं। संक्षेप में, उपचार का पालन बहुत अच्छा होना चाहिए और मरीज के स्वस्थ होने की संभावना अधिक होती है।