आइंस्टाइन रिंग
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के यूक्लिड स्पेस टेलीस्कोप ने हाल ही में एक दुर्लभ प्रकाशीय वलय (ring of light) खोजा, जिसे आइंस्टाइन रिंग कहा जाता है। यह पृथ्वी से लगभग 590 मिलियन प्रकाश-वर्ष दूर एक गैलेक्सी के चारों ओर देखा गया।
इस वलय की खोज NGC 6505 के चारों ओर की गई थी, जो एक आकाशगंगा है जिसे पहली बार 19वीं शताब्दी में खोजा गया था।
आइंस्टाइन रिंग तब बनता है जब किसी बड़े खगोलीय पिंड (जैसे गैलेक्सी या गैलेक्सी समूह) द्वारा उत्पन्न गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र बैकग्राउंड में स्थित गैलेक्सी से आने वाले प्रकाश को मोड़ता और बढ़ाता है। इसे गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग कहा जाता है।
यह प्रभाव अल्बर्ट आइंस्टाइन के सामान्य सापेक्षता सिद्धांत (General Theory of Relativity) द्वारा भविष्यवाणी किया गया था।
पहली बार 1987 में आइंस्टाइन रिंग की खोज हुई थी और तब से कई और रिंग खोजी जा चुकी हैं।