UN Women और UNDP ने महिला सशक्तिकरण सूचकांक (WEI) और वैश्विक लैंगिक समानता सूचकांक (GGPI) लॉन्च किया

UN Women और UNDP ने किगाली (रवांडा) में आयोजित वीमेन डिलीवर कांफ्रेंस (Women Deliver Conference) में “समानता के मार्ग: महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता पर जुड़वां सूचकांक” (The paths to equal: Twin indices on women’s empowerment and gender equality) रिपोर्ट लॉन्च किया।

प्रमुख तथ्य

इस रिपोर्ट में UN Women और UNDP को महिला सशक्तिकरण सूचकांक (Women’s Empowerment Index: WEI) और वैश्विक लैंगिक समानता सूचकांक (Global Gender Parity Index: GGPI) को लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण के स्तर को मापने के लिए जुड़वां सूचकांक के रूप में प्रस्ताव किया गया है।

114 देशों के विश्लेषण से पता चलता है कि महिलाओं के अधिकार और अपने जीवन में विकल्प चुनने और अवसरों का लाभ उठाने की स्वतंत्रता काफी हद तक सीमित है। निम्न महिला सशक्तिकरण और व्यापक जेंडर गैप आम बात हैं।

WEI पांच डायमेंशन में विकल्प चुनने और जीवन के अवसरों का लाभ उठाने की महिलाओं की शक्ति और स्वतंत्रता को मापता है: स्वास्थ्य, शिक्षा, समावेशन, निर्णय लेने में भागीदारीऔर महिलाओं के खिलाफ हिंसा।

इसी तरह, GGPI स्वास्थ्य, शिक्षा, समावेशन और निर्णय लेने सहित मानव विकास के मुख्य आयामों में पुरुषों के सापेक्ष महिलाओं की स्थिति का मूल्यांकन करता है।

रिपोर्ट इस बात पर भी प्रकाश डालती है कि 1 प्रतिशत से भी कम महिलाएँ और लड़कियाँ उन देशों में रहती हैं जहाँ महिला सशक्तिकरण और उच्च लैंगिक समानता दोनों उच्च स्तर पर हैं, जबकि दुनिया की 90 प्रतिशत से अधिक महिला आबादी (3.1 बिलियन महिलाएँ और लड़कियाँ) ऐसे देशों में रहती हैं जहां महिला सशक्तिकरण का स्तर काफी कम है और जेंडर गैप भी काफी अधिक है।

भारत के लिए विरोधाभास की स्थिति यह है कि यह ह्यूमन डेवलपमेंट के मामले में मध्यम श्रेणी वाला देश है जबकि महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता का स्तर निम्न श्रेणी वाला है।

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