अराश/डोर्रा गैस फील्ड विवाद

हाल ही में सऊदी अरब और कुवैत ने विवादित अराश/डोर्रा गैस फील्ड (Arash/Dorra Gas field) पर अपने स्वामित्व का दावा किया और संयुक्त रूप से इसके विकास की बात दोहराई। इस गैस फील्ड पर ईरान भी दावा करता रहा है।

इस ऑफशोर गैस फील्ड, जिसे ईरान में अराश तथा कुवैत और सऊदी अरब में डोर्रा के नाम से जाना जाता है, लंबे समय से तीन देशों के बीच विवाद का केंद्र बिंदु रहा है।

कुवैती और सऊदी अधिकारियों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि “केवल उनके पास उस गैस फील्ड में गैस निकालने का पूर्ण संप्रभु अधिकार है।

ईरान और कुवैत ने अपने विवादित समुद्री सीमा क्षेत्र, जो प्राकृतिक गैस से समृद्ध है, पर कई वर्षों से असफल वार्ता की है।

बातचीत को पुनर्जीवित करने के हालिया प्रयास विफल रहे हैं, और ईरान के तेल मंत्री ने कहा कि उनका देश बिना किसी समझौते के भी इस क्षेत्र में काम कर सकता है।

बता दें कि इस आयल फील्ड को लेकर विवाद 1960 के दशक से चला रहा है, जब ईरान और कुवैत ने अपने-अपने स्तर पर अलग-अलग कंपनियों को तेल उत्खनन का अधिकार प्रदान किया।

पिछले साल, कुवैत और सऊदी अरब ने , ईरान की आपत्तियों के बावजूद संयुक्त रूप से इस क्षेत्र को विकसित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जिसने इस सौदे को “अवैध” करार दिया था।

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