स्वास्थ्य मंत्रालय ने MDR-TB के लिए BPaLM उपचार को मंजूरी दी

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) के तहत मल्टीड्रग रोधी तपेदिक (MDR-TB) के लिए एक नई उपचार पद्धति की शुरूआत को मंजूरी दी है।

नई BPaLM पद्धति, बेडाक्विलाइन, प्रेटोमैनिड, लाइनज़ोलिड और मोक्सीफ्लोक्सासिन (Bedaquiline, Pretomanid, Linezolid, and Moxifloxacin) की चार दवाओं का कॉम्बिनेशन है।

यह भारत में MDR-TB के उपचार में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।

यह 20 महीने की बजाय छह महीने का उपचार विकल्प  है। इसके साइड इफेक्ट्स कम हैं और इलाज की  सफलता दर भी उच्च है। इस उपचार से भारत में लगभग 75,000 दवा प्रतिरोधी टीबी रोगियों को लाभ होगा।

यह न केवल उपचार के समय को काफी कम करता है, बल्कि इलाज में खर्चे भी कम करता है।

भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीबी प्रयोगशाला नेटवर्क है, जिसमें 7,767 रैपिड मॉलिक्यूलर परीक्षण सुविधाएं और 87 कल्चर और ड्रग संवेदनशीलता परीक्षण प्रयोगशालाएं हैं जो पूरे देश में फैली हुई हैं। यह व्यापक प्रयोगशाला नेटवर्क MDR-TB का समय पर पता लगाने और टीबी के उपचार की त्वरित शुरुआत में सहायता करेगा।

गौरतलब है कि भारत 2025 तक टीबी उन्मूलन की दिशा में काम कर रहा है जो सतत विकास लक्ष्यों के तहत 2030 इस बीमारी को खत्म करने के वैश्विक लक्ष्य से पांच साल पहले है।

इन प्रयासों के हिस्से के रूप में, स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत MDR-TB के लिए एक नया उपचार BPaLM रेजिमेन पेश किया है। इस रेजिमेन में बेडाक्विलाइन और लाइनज़ोलिड (मोक्सीफ्लोक्सासिन के साथ/बिना) के कॉम्बिनेशनमें एक नई एंटी-टीबी दवा, प्रीटोमैनिड शामिल है। प्रीटोमैनिड को पहले केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा भारत में उपयोग के लिए अनुमोदित और लाइसेंस दिया गया है।

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