लिप्टाको-गौरमा चार्टर
हाल ही में, अफ्रीकी के तीन साहेल देशों माली, बुर्किना फासो और नाइजर के सैन्य नेताओं ने एक आपसी रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसकी घोषणा माली की राजधानी बमाको में की गयी।
लिप्टाको-गौरमा चार्टर (Liptako-Gourma Charter) नामक इस चार्टर के द्वारा साहेल देशों के गठबंधन (Alliance of Sahel States: AES) की स्थापना की गयी है।
इसका उद्देश्य इस क्षेत्र की आबादी के लाभ के लिए सामूहिक रक्षा और पारस्परिक सहायता का एक मंच स्थापित करना है।
लिप्टाको-गौरमा क्षेत्र – जहां माली, बुर्किना फासो और नाइजर सीमाएँ मिलती हैं – हाल के वर्षों में जिहादवाद द्वारा तबाह हो गया है। 2012 में उत्तरी माली में भड़का जिहादी विद्रोह 2015 में नाइजर और बुर्किना फासो तक फैल गया।
इन सभी तीन देशों में 2020 से तख्तापलट हुआ है, सबसे हाल ही में नाइजर, जहां जुलाई 2023 में सैनिकों ने तख्तापलट कर राष्ट्रपति मोहम्मद बज़ौम को पद से हटा दिया।
साहेल क्षेत्र (Sahel Region)
साहेल क्षेत्र (Sahel Region) पश्चिमी और उत्तर-मध्य अफ्रीका का एक अर्ध-शुष्क क्षेत्र है जो सहारा रेगिस्तान के दक्षिणी किनारे के साथ अटलांटिक महासागर से लाल सागर तक फैला हुआ है।
इसमें शामिल देश हैं; बुर्किना फासो, कैमरून, चाड, गाम्बिया, गिनी, मॉरिटानिया, माली, नाइजर, नाइजीरिया और सेनेगल।