इंडिकोनेमा: पूर्वी घाट में डायटम की एक नई प्रजाति की खोज

पुणे स्थित अगरकरअनुसंधान संस्थान (एआरआई) के शोधकर्ताओं ने पूर्वी घाट पर्वत श्रृंखला के प्रदूषण रहित जल में डायटम की एक नई प्रजाति की खोज की है।

इस प्रजाति का नाम “इंडिकोनेमा” (Indiconema) रखा गया है क्योंकि भारत में सिमिति क्षेत्रों में प्राप्त होती है।

डायटम सूक्ष्म शैवाल हैं (Diatoms are microscopic algae) जो हमारे दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो वैश्विक ऑक्सीजन आपूर्ति का लगभग 25 प्रतिशत उत्पादन करते हैं।

वे जलीय खाद्य श्रृंखला का आधार बनते हैं और वाटर केमिस्ट्री में परिवर्तन के प्रति अपनी संवेदनशीलता के कारण जल गुणवत्ता के मूल्यवान संकेतक के रूप में कार्य करते हैं।

भारत में डायटम की एक समृद्ध विविधता है, जिसमें अनुमानित 6,500 टैक्सा हैं, जिनमें से 30 प्रतिशत स्थानिक/एंडेमिक (एक विशेष क्षेत्र तक सीमित) हैं, जो देश की अनूठी जैव विविधता का संकेत देते हैं।

ताजे पानी से लेकर समुद्री जल, समुद्र तल से लेकर ऊंचे पहाड़ों और क्षारीय झीलों से लेकर अम्लीय दलदलों तक के विविध जैवभौगोलिक क्षेत्र में डायटम प्राप्त हो जाते हैं। मानसून के विकास ने भारतीय प्रायद्वीप में वर्षावन बायोम की संरचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसने सीधे डायटम वनस्पतियों के विकास में योगदान दिया है।

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