ओलंपिक का इतिहास

पेरिस 2024 ओलंपिक 26 जुलाई से 11 अगस्त, 2024 तक आयोजित किया जा रहा है। भारत की स्टार शटलर पीवी सिंधु और टेबल टेनिस के प्रसिद्ध खिलाडी शरत कमल ने पेरिस ओलंपिक 2024 के उद्घाटन समारोह में ध्वजवाहक के रूप में भारतीय दल का नेतृत्व किया।

बता दें 776 ईसा पूर्व में शुरू हुए, ओलंपिक प्राचीन खेल हर चार साल में भगवान ज़ीउस के सम्मान में आयोजित किए जाते थे, जिसमें न केवल एथलेटिक प्रतियोगिताएं होती थीं, बल्कि संगीत, कविता और रंगमंच जैसे कलात्मक कार्यक्रम भी होते थे।

आधुनिक युग के पहले ओलंपिक खेल (modern Olympic Games) प्राचीन ओलंपिक के जन्मस्थान एथेंस (ग्रीस) में अप्रैल 1896 में हुए थे। प्रथम ओलंपियाड के खेलों के रूप में विख्यात इस ऐतिहासिक आयोजन में 14 देशों के 241 एथलीटों ने भाग लिया था।

पेरिस 1900 ओलंपिक खेलों में पहली बार महिलाओं ने प्रतिस्पर्धा की थी। पांच बार की विंबलडन चैंपियन, ब्रिटिश टेनिस खिलाड़ी चार्लोट कूपर पहली महिला ओलंपिक चैंपियन बनीं। 997 एथलीटों में से 22 महिलाएं थीं, जिन्होंने टेनिस, नौकायन, क्रोकेट, घुड़सवारी की स्पर्धाओं और गोल्फ में प्रतिस्पर्धा की।

1900 में सिर्फ एक प्रतिभागी के साथ पेरिस ओलंपिक में पदार्पण के बाद से भारत की ओलंपिक यात्रा में काफी विकास हुआ है।

1920 में एंटवर्प ओलम्पिक खेलों में एक ऐतिहासिक क्षण आया जब भारत ने अपना पहला आधिकारिक दल भेजा।

हेलसिंकी 1952 ओलंपिक में पहलवान केडी जाधव ने भारत के लिए पहला व्यक्तिगत ओलंपिक पदक, कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया।

बीजिंग 2008 ओलंपिक भारत के लिए एक यादगार पल रहा, जब निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में देश के लिए पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक हासिल किया और भारतीय ओलंपिक इतिहास में एक नया मानदंड स्थापित किया।

टोक्यो 2020 भारत के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ, जिसमें भारतीय एथलीटों ने कुल सात पदक जीते।

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