ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण पूरा हुआ

ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) के पूरे 1,337 किलोमीटर का निर्माण पूरा हो चुका है।

प्रमुख तथ्य

EDFC पर इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन द्वारा संचालित पहली मालगाड़ी लुधियाना के न्यू साहनेवाल से उत्तर प्रदेश के न्यू खतौली स्टेशन होते हुए न्यू खुर्जा तक 401 किलोमीटर की दूरी तक 11 अक्टूबर को चलाई गई थी।

गौरतलब है कि रेल मंत्रालय ने दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण कार्य शुरू किया है। ये हैं; ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (1337 km) और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (1506)।

ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर लुधियाना (पंजाब) को सोननगर (बिहार) से जोड़ता है।

वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर जवाहरलाल नेहरू पोर्ट टर्मिनल (महाराष्ट्र) को दादरी (उत्तर प्रदेश) से जोड़ता है।

कॉरिडोर के लाभ

ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर में मालगाड़ियों की औसत गति 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। आमतौर पर भारतीय रेल रूट पर मालगाड़ी की औसत गति 20 से 30 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। 

इन गलियारों से औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने और नए औद्योगिक केंद्रों और टाउनशिप के विकास में मदद मिलेगी।

नए फ्रेट टर्मिनलों, मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्कों और अंतर्देशीय कंटेनर डिपो के विकास से लॉजिस्टिक क्षेत्र को भी लाभ होगा, जिससे परियोजना-प्रभाव वाले क्षेत्रों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे।

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