बन्नी उत्सव (Banni Festival)
आंध्र प्रदेश में कुरनूल जिले के देवरगट्टू में पारंपरिक बन्नी उत्सव के दौरान तीन लोगों की जानें चली गई और सौ से अधिक लोग घायल हो गए।
बन्नी उत्सव (Banni festival) विजयादशमी की रात को राक्षस मणि और मल्लासुर पर भगवान माला मल्लेश्वर स्वामी और देवी पार्वती की जीत के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
ऐसी मान्यता है कि मणि और मल्लासुरा नाम के दो राक्षक पास की पहाड़ियों में रहते थे, और कुछ संतों को बहुत परेशान करते थे। इससे परेशान होकर संतों ने भगवान माला मल्लेश्वर स्वामी और पार्वती से उन्हें बचाने की प्रार्थना की, जिसके बाद भगवान् पहाड़ी के ऊपर एक पत्थर पर प्रकट हुए और दशहरे की रात राक्षसों को खत्म कर दिया।
इस वार्षिक धार्मिक उत्सव माला मल्लेश्वर स्वामी मंदिर के परिसर में आयोजित किया जाता है।
मुख्य त्योहार के मौके पर ग्रामीणों का लाठियों के साथ इकट्ठा होना और एक-दूसरे से भिड़ना एक रस्म है।
हर साल हजारों लोग जलते हुए मशालें और लंबे डंडे लिए समारोह में शामिल होते हैं। इस रस्म में लोग दो देवताओं को अपने पाले में रखने के लिए लाठियों से एक दूसरे पर डंडों से वार करते हैं। लोगों का मानना है कि देवताओं के गांव में होने से समृद्धि आती है।