Anthropocene epoch: कनाडा की क्रॉफर्ड झील के तलछट से नए युग की शुरुआत के सबूत मिले
भूवैज्ञानिकों ने कहा है कि कनाडा के ओन्टारियो में स्थित क्रॉफर्ड झील (Crawford Lake) के तलछट से एंथ्रोपोसीन युग की शुरुआत के सबूत मिले हैं।
क्रॉफर्ड झील, जो 29 मीटर गहरी और 24,000 वर्ग मीटर चौड़ी है, को 11 अन्य स्थलों की तुलना में इसलिए चुना गया क्योंकि पृथ्वी की मिट्टी, वायुमंडल और जीव विज्ञान पर मानव गतिविधि के वार्षिक प्रभाव इसकी तलछट की परतों में स्पष्ट रूप से संरक्षित हैं।
भूवैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि नया युग एंथ्रोपोसीन 1950 और 1954 के बीच किसी समय शुरू हुआ था। उन्होंने झील के तल तलछट का विश्लेषण करने के बाद निष्कर्ष पर पहुंचे हैं।
उनके मुताबिक वर्षों से इस तलछट में जीवाश्म ईंधन के बड़े पैमाने पर दहन, परमाणु हथियारों के विस्फोट और भूमि तथा जल स्रोतों में प्लास्टिक और उर्वरकों की डंपिंग और कीटनाशकों का उपयोग के परिणामों को दर्शाया गया है।
एंथ्रोपोसीन युग के बारे में
एंथ्रोपोसीन युग (Anthropocene epoch) एक प्रस्तावित भूवैज्ञानिक युग है जो तब शुरू हुआ जब मानव जनित गतिविधि का पृथ्वी पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने लगा।
एक टर्म के रूप में एंथ्रोपोसीन युग पहली बार नोबेल पुरस्कार विजेता रसायनज्ञ पॉल क्रुटजन और जीव विज्ञान के प्रोफेसर यूजीन स्टोएमर द्वारा वर्तमान भूवैज्ञानिक समय अंतराल को दर्शाने के लिए गढ़ा गया था, जिसमें पृथ्वी का पारिस्थितिकी तंत्र मानव प्रभाव के कारण आमूल-चूल परिवर्तनों से गुजरा है, खासकर जब से औद्योगिक क्रांति की शुरुआत हुई है।
एंथ्रोपोसीन युग से जुड़ी कई घटनाएं हैं, जैसे ग्लोबल वार्मिंग, समुद्र जल के स्तर में वृद्धि, समुद्र का अम्लीकरण, बड़े पैमाने पर मिट्टी का क्षरण, घातक हीट वेव्स का आगमन, जैव मंडल को नुकसान और पर्यावरण में अन्य हानिकारक परिवर्तन।
हालांकि हर भूविज्ञानी इस बात से सहमत नहीं है कि एंथ्रोपोसीन युग एक वास्तविकता है क्योंकि वैज्ञानिक समुदाय के भीतर इस बात पर असहमति है कि यह कब शुरू हुआ, या यह पहले ही शुरू हो चुका है, या क्या उनके पास इसके आगमन को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।
मामलुह गुफा
मेघालय में मामलुह गुफा (Mawmluh Cave ), जिसे स्थानीय तौर पर क्रेम मावम्लूह के नाम से जाना जाता है, भारतीय उपमहाद्वीप की चौथी सबसे लंबी गुफा मानी जाती है, जिसके गुफा मार्गों की कुल लंबाई 7 किमी है।
यह भी माना जाता है कि इस गुफा से निकले स्टैलेग्माइट ने 200 साल लंबे सूखे के अस्तित्व को साबित करने में मदद की है, जो लगभग 4,200 वर्ष पहले हिमयुग के बाद आया था, जिसने दुनिया भर में कई सभ्यताओं को नष्ट कर दिया था। इस काल का वर्णन करने के लिए ‘मेघालय युग’ (Meghalayan Age) शब्द गढ़ा गया।
अक्टूबर 2022 में, यूनेस्को के साथ मिलकर काम करने वाली परिषद, इंटरनेशनल यूनियन ऑफ जियोलॉजिकल साइंसेज (IUGS) ने मामलुह गुफा को विश्व के प्रथम 100 भूवैज्ञानिक विरासत स्थलों में शामिल किया था।