तीस्ता नदी जल बंटवारे पर मतभेद

बांग्लादेश अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने कहा है कि उनका देश भारत के साथ लंबे समय से लंबित तीस्ता (Teesta river) जल बंटवारे की संधि पर मतभेदों को सुलझाने के तरीकों का अनुसरण करेगी, क्योंकि इसे वर्षों तक विलंबित करने से किसी भी देश को कोई फायदा नहीं होगा।

गौरतलब है कि भारत और बांग्लादेश 2011 में तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह की ढाका यात्रा के दौरान तीस्ता जल बंटवारे पर एक समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले थे, लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने राज्य में पानी की कमी का हवाला देते हुए इसका समर्थन करने से इनकार कर दिया।

कुल मिलाकर, भारत और बांग्लादेश के बीच 54 नदियाँ बहती हैं और नदी जल का बंटवारा बड़ा द्विपक्षीय मुद्दा रहा है। भारत और बांग्लादेश फरक्का बैराज के निर्माण के बाद 1996 में गंगा के पानी के बंटवारे पर सहमत हुए। अन्य नदियों पर समझौता नहीं हो सकता है।

तीस्ता नदी ब्रह्मपुत्र की एक सहायक नदी है। यह नदी उत्तरी सिक्किम में लगभग 5,280 मीटर की ऊंचाई पर त्सो ल्हामो झील से निकलती है।

पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले के मेखलीगंज से बांग्लादेश में प्रवेश करने से पहले यह नदी सिक्किम में लगभग 150 किमी और पश्चिम बंगाल में 123 किमी तक यात्रा करती है।

यह बांग्लादेश में 140 किमी बहती है और फिर बंगाल की खाड़ी में मिलती है। तीस्ता बांग्लादेश की चौथी सबसे बड़ी सीमा पार नदी है और इसका बाढ़ क्षेत्र बांग्लादेश में 2,750 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करता है।

तीस्ता नदी का 83% जलग्रहण क्षेत्र भारत में और शेष 17% बांग्लादेश में है।

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