तमिलनाडु ने स्नेकबाइट एनवेनोमिंग को अधिसूचित रोग घोषित किया

तमिलनाडु सरकार ने आधिकारिक तौर पर तमिलनाडु सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिनियम, 1939 के तहत सर्पदंश विषाक्तता (snakebite envenoming) को अधिसूचित रोग घोषित किया है।

अधिसूचित रोग वह रोग है जिसके मामलों को कानून द्वारा सरकारी अधिकारियों को सूचित करना आवश्यक है। सूचना का संग्रह अधिकारियों को रोग की निगरानी करने और संभावित प्रकोप की प्रारंभिक चेतावनी देने में मददगार साबित होता है।

सर्पदंश को एक अधिसूचित बीमारी बनाकर, तमिलनाडु सरकार का लक्ष्य इससे जुड़े डेटा के संग्रह में सुधार करना, उपचार प्रणाली को मजबूत करना और एंटी-स्नेक वेनोम की उचित उपलब्धता को सुनिश्चित करना है।

इस कदम से बेहतर रोकथाम रणनीतियों, मृत्यु दर में कमी और राज्य भर में उपचार सुविधाओं में वृद्धि होने की उम्मीद है।

नए निर्देश के तहत, सरकारी और निजी। दोनों प्रकार के अस्पतालों को अब सांप के काटने और उससे संबंधित मौतों के मामलों की रिपोर्ट सरकार को देनी होगी।

इस अनिवार्य रिपोर्टिंग प्रणाली को एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के तहत राज्य के एकीकृत स्वास्थ्य सूचना मंच के साथ एकीकृत किया जाएगा।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियम, 1969 में वैश्विक निगरानी और सलाहकार भूमिका में मदद करने के लिए WHO को स्नेक एनवेनोमेशन रोग की रिपोर्टिंग की आवश्यकता होती है।

स्नेक एनवेनोमेशन, विषैले सांप के काटने से होने वाली जानलेवा चिकित्सा स्थिति, ग्रामीण और सांप-स्थानिक क्षेत्रों में  स्वास्थ्य से जुड़ी चिंता का प्रमुख  विषय है।

अक्सर रोकथाम योग्य होने के बावजूद, यह कृषि श्रमिकों, बच्चों और उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों सहित अभाव वाली आबादी के लिए जोखिम पैदा करता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सर्पदंश को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या का दर्जा दिया है और दुनिया भर में सर्पदंश से होने वाली मौतों और इससे जुडी दिव्यांगता को कम करने के लिए एक रणनीति शुरू की है।

यह घोषणा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रकाशित सर्पदंश विषाक्तता (स्नेकबाइट एनवेनोमिंग) के रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना के बाद की गई है।

इस योजना का उद्देश्य मानव, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य उपायों को एकीकृत करते हुए ‘वन हेल्थ’ अप्रोच के माध्यम से 2030 तक सर्पदंश से होने वाली मौतों को आधा करना है।

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