T2T-CHM13: संपूर्ण मानव जीनोम (Human Genome) की मैपिंग

वैज्ञानिकों ने आखिरकार एक संपूर्ण मानव जीनोम (Entire Human Genome) की मैपिंग की घोषणा की है। टीलोमर टू टीलोमर (T2T) कंसोर्टियम द्वारा यह काम पूरा किया गया है और बिना किसी गैप वाले इस सीक्वेंस्ड मानव जीनोम, जिसे T2T-CHM13 कहा गया है, में डीएनए के 3 बिलियन से अधिक बेस जोड़े और केवल 20,000 प्रोटीन-एन्कोडिंग जीन हैं।

  • उल्लेखनीय है कि वर्ष 2003 में जब मानव जीनोम परियोजना समाप्त हुई, तब वैज्ञानिकों ने मानव डीएनए में निहित लगभग 3 बिलियन में से अधिकांश को अनुक्रमित कर लिया था परन्तु उस वक्त वे जीनोम का करीब 8 फीसदी हिस्सा पढ़ नहीं पाए थे।
  • लेकिन अब, शोधकर्ताओं ने पूरे मानव जीनोम को सफलतापूर्वक समझ लिया है। शोधकर्ताओं के अनुसार, हमारे डीएनए में लगभग 3 बिलियन बेस का एक पूर्ण, गैप-फ्री अनुक्रम होना मानव जीनोमिक भिन्नता के पूर्ण स्पेक्ट्रम को समझने और कुछ बीमारियों में आनुवंशिक योगदान को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।
  • अब-पूर्ण मानव जीनोम अनुक्रम उन अध्ययनों के लिए विशेष रूप से मूल्यवान होगा जिनका उद्देश्य मानव जीनोमिक भिन्नता के व्यापक विचार स्थापित करना है, या लोगों का डीएनए कैसे भिन्न होता है।
  • इस तरह की अंतर्दृष्टि कुछ बीमारियों में आनुवंशिक योगदान को समझने और भविष्य में नैदानिक ​​​​देखभाल के नियमित भाग के रूप में जीनोम अनुक्रम का उपयोग करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

शोध से जुड़े संस्थान

  • नेशनल ह्यूमन जीनोम रिसर्च इंस्टीट्यूट (अमेरिका), यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन ने मिलकर एक वैज्ञानिक संघ टीलोमर टू टीलोमर (टी2टी) (Telomere to Telomere (T2T) consortium) स्थापित किया था।
  • टीलोमर एक धागे जैसी संरचना होती है जो जेनेटिक जानकारी रखने वाले गुणसूत्रों (क्रोमसोम) के किनारों पर होती है।

क्यों है यह उपलब्धि महत्वपूर्ण?

  • अब विश्व की आठ अरब आबादी में जेनेटिक (अनुवांशिक) भिन्नता और म्यूटेशन (उत्परिवर्तन) से होने वाली बीमारियों का पता लगाना आसान हो जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि जीनोम से ही तय होता है कि किसका शरीर कैसा होगा और कैसे काम करेगा। अगर इसमें हल्का सा भी परिवर्तन हो जाए तो कई जन्मजात समस्याएं हो सकती हैं।
  • जीनोम के बारे में पूरी जानकारी से मानवीय उद्भव और जीव विज्ञान की समझ बढ़ेगी। इसके अलावा बढ़ती उम्र, नर्वस सिस्टम (तंत्रिका तंत्र), कैंसर और हृदय संबंधी बीमारियों के आकलन में मदद मिलेगी।

DNA न्यूक्लियोटाइड

  • डीएनए, न्यूक्लियोटाइड (nucleotides) नामक छोटे अणुओं से बना होता है, जिनमें से प्रत्येक में एक फॉस्फेट समूह, एक शुगर अणु और एक नाइट्रोजन आधार होता है।
  • चार प्रकार के नाइट्रोजन आधार (एडेनिन, थाइमिन, ग्वानिन और साइटोसिन-adenine, thymine, guanine and cytosine) एक साथ मिलकर डीएनए डबल हेलिक्स (DNA double helix) नाते हैं जो हमारी आनुवंशिक पहचान को कूटबद्ध करता है।
  • इन डबल हेलिस के दो किस्में एक गुणसूत्र (chromosome) बनाते हैं, और मनुष्यों में कुल 23 गुणसूत्र जोड़े होते हैं, प्रत्येक माता-पिता से एक। डीएनए सीक्वेंसिंग डीएनए के एक हिस्से में बेस पेयर बिल्डिंग ब्लॉक्स के क्रम का पता लगाने की प्रक्रिया है।

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