स्वीडन आधिकारिक तौर पर नाटो का 32वां सदस्य बना

स्वीडन (Sweden) आधिकारिक तौर पर उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन यानी नाटो (NATO) का 32वां सदस्य बन गया है। 7 मार्च 2024 को वाशिंगटन में शामिल होने की प्रक्रिया पूरी की गयी।

फरवरी 2022 में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद स्वीडन द्वारा NATO सैन्य गठबंधन में शामिल होने के लिए आवेदन करने के दो साल बाद डॉक्यूमेंट का हस्तांतरण एक समारोह में हुआ।

स्वीडिश प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन ने कहा कि नाटो की एकता और एकजुटता स्वीडन का मार्गदर्शन करेगी। नाटो के लिए, स्वीडन और फिनलैंड के रूप में दो नए सदस्यों का शामिल होना पिछले कई दशकों में सबसे महत्वपूर्ण घटना है।  

11 मार्च 2024 को ब्रसेल्स में नाटो मुख्यालय में एक समारोह में स्वीडन का झंडा अन्य 31 सहयोगियों के साथ फहराया जाएगा, और साथ ही पूरे यूरोप और उत्तरी अमेरिका में नाटो कमांड पर भी फहराया जाएगा।  

स्वीडन 1995 से यूरोपीय संघ (EU) का सदस्य है

स्वीडन पश्चिम में नॉर्वे और उत्तर पूर्व में फिनलैंड के साथ भूमि सीमा साझा करता है। इसके नॉर्डिक पड़ोसियों डेनमार्क, नॉर्वे, ऑलैंड और फ़िनलैंड के सामने भी तट हैं।

इसकी डेनमार्क, जर्मनी, पोलैंड, रूस, लिथुआनिया, लातविया और एस्टोनिया के साथ समुद्री सीमाएं लगती हैं।

बता दें कि नॉर्डिक देश स्वीडन के आर्कटिक नॉर्थ को “मध्यरात्रि के सूर्य की भूमि” (land of the midnight sun) कहा जाता है, क्योंकि गर्मी के महीनों के दौरान सूरज कभी अस्त नहीं होता है।

पतझड़ और वसंत ऋतु में, उत्तरी स्वीडन के ऊपर शानदार ध्रुवीय लाइट शो होते हैं जिन्हें “ऑरोरा बोरेलिस” (aurora borealis) या “नॉर्दर्न लाइट” के नाम से जाना जाता है। ये चमकदार हरी या लाल रोशनी, जो देर रात आकाश में छा जाती है, पृथ्वी के वायुमंडल में छोटे कणों के टकराव के कारण होती है।

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