अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार 2024

रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने संयुक्त राज्य अमेरिका के  डारोन ऐसमोग्लू, साइमन जॉनसन और जेम्स ए रॉबिन्सन (Daron Acemoglu, Simon Johnson and James A. Robinson) को अल्फ्रेड नोबेल 2024 की स्मृति में आर्थिक विज्ञान में स्वेरिग्स रिक्सबैंक पुरस्कार ( Sveriges Riksbank Prize in Economic Sciences in Memory of Alfred Nobel 2024) देने का फैसला किया है।

आर्थिक विज्ञान में इस वर्ष के पुरस्कार विजेताओं ने राष्ट्र की समृद्धि में सामाजिक संस्थानों के महत्व को प्रदर्शित किया है। खराब कानून व्यवस्था वाले समाज और आबादी का शोषण करने वाले संस्थान विकास या बेहतर बदलाव नहीं लाते हैं।

पुरस्कार विजेताओं के शोध से हमें यह समझने में मदद मिलती है कि ऐसा क्यों है। जब यूरोपियनों ने दुनिया के बड़े हिस्से पर उपनिवेश स्थापित किया, तो उन समाजों में संस्थाएँ बदल गईं।

हालाँकि, हर जगह एक ही तरह की संस्थाएं नहीं स्थापित की गईं। कुछ जगहों पर इसका उद्देश्य स्वदेशी आबादी का शोषण करना और लाभ के लिए उपनिवेश के संसाधनों की निकासी थी। वहीं अन्य जगहों पर, उपनिवेशवादियों ने यूरोपीय प्रवासियों के दीर्घकालिक लाभ के लिए समावेशी राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्थाएँ बनाईं।

पुरस्कार विजेताओं ने दिखाया है कि आज देशों की समृद्धि में अंतर का एक महत्वपूर्ण कारण उपनिवेशीकरण के दौरान शुरू की गई सामाजिक संस्थाओं की भूमिकाओं रहा हैं।

समावेशी संस्थाएँ अक्सर उन देशों में शुरू की गईं जो उपनिवेश बनने के समय गरीब थे, जिसके परिणामस्वरूप समय के साथ आम तौर पर समृद्ध आबादी बन गई।

यह एक महत्वपूर्ण कारण है कि कुछ पूर्व उपनिवेश जो कभी समृद्ध थे, अब गरीब हैं, और वहीं जो गरीब थे अब समृद्ध हैं। कुछ देश शोषक संस्थानों के स्वरुप में बदलाव नहीं ला पाए हैं जिसकी वजह से वे निम्न आर्थिक विकास की स्थिति में फंस हुए हैं।

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