अनुपूरक अनुदान और अधिक अनुदान (Excess Grant)

लोकसभा ने 2024-2025 के लिए अनुपूरक अनुदान मांगों (Supplementary Demands for Grants) की प्रथम बैच को मंजूरी दी है। सरकार ने 87 हजार 762 करोड़ रुपये से अधिक के सकल अतिरिक्त व्यय को अधिकृत करने के लिए संसद की मंजूरी मांगी।

गौरतलब है कि सरकार के आवश्यक व्यय को पूरा करने के लिए आवश्यक अतिरिक्त अनुदान को अनुपूरक अनुदान (Supplementary Grants) कहा जाता है।

जब संसद द्वारा अधिकृत बजटीय आवंटन आवश्यक व्यय से कम पड़ जाते हैं, तो अनुपूरक या अतिरिक्त अनुदानों (Supplementary or Additional grants) के लिए संसद के समक्ष एक अनुमान प्रस्तुत किया जाता है।

ये अनुदान वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले संसद द्वारा प्रस्तुत और पारित किए जाते हैं।

जब वास्तविक व्यय संसद द्वारा स्वीकृत अनुदान से अधिक हो जाता है, तो वित्त मंत्रालय अधिक अनुदान (Excess Grant) की मांग प्रस्तुत करता है।

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ऐसी अधिक मांग  को संसद के संज्ञान में लाते हैं। लोक लेखा समिति इन अधिकताओं की जांच करती है और संसद को सिफारिशें देती है।

अधिक अनुदान  (Excess Grant) की मांग वास्तविक व्यय होने के बाद की जाती है और जिस वित्तीय वर्ष में व्यय किया गया था, उसके अंत के बाद संसद में प्रस्तुत की जाती है।

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