‘सन, स्पेस वेदर और सोलर-स्टेलर कनेक्शन’ सम्मेलन

भारत और विदेश के 200 से अधिक सौर भौतिक विज्ञानी एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में सौर चुंबकत्व, सौर-तारकीय कनेक्शन और अंतरिक्ष मौसम जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान पर चर्चा करने के लिए बेंगलुरु में एकत्र हुए।

‘सूर्य, अंतरिक्ष मौसम और सौर-तारकीय कनेक्शन’ (Sun, Space Weather, and Solar-Stellar Connections) नामक इस सम्मेलन का आयोजन भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA) द्वारा कोडईकनाल सौर वेधशाला (Kodaikanal Solar Observatory: KSO) की 125वीं वर्षगांठ मनाने के लिए किया गया था।

यह सम्मेलन 20-24 जनवरी 2025 के बीच KSO की स्थायी विरासत के प्रमाण के रूप में आयोजित किया गया था।

यह वेधशाला अपने फोटोग्राफिक चित्रों के भंडार के माध्यम से सूर्य की गतिविधियों और पृथ्वी पर इसके प्रभाव के बारे में अमूल्य जानकारी प्रदान करती रही है, और यह देश में सौर खगोल भौतिकी (solar astrophysics) के जन्म का अग्रदूत थी।

भारतीय खगोल विज्ञान की आधारशिला, भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान की कोडाईकनाल सौर वेधशाला (KSO), 1899 में स्थापित, सौर अनुसंधान में सबसे आगे रही है।

इस वेधशाला की अनूठी जगह पर अवस्थिति, इसके अत्याधुनिक उपकरणों के साथ मिलकर, इसे सनस्पॉट, सौर फ्लेयर्स, कोरोनल मास इजेक्शन और अन्य सौर गतिविधियों की हमारी समझ में महत्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम बनाता है।

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