स्पेशल केमिकल, ऑर्गनिज्म, मैटेरियल्स, इक्विपमेंट एंड टेक्नोलॉजी (SCOMET)

हाल ही संयुक्त राज्य अमेरिकी सरकार ने भारतीय निर्माताओं को यह सुनिश्चित करने के लिए आगाह किया है कि रक्षा उपकरण तथा इससे जुड़ी दोहरे उपयोग वाली अन्य वस्तुओं का रूस को निर्यात न किया जाए।

अमेरिका के अनुसार इस तरह के निर्यात रूस की मिसाइल प्रणालियों का समर्थन कर सकते हैं और इस तरह के निर्यात में शामिल कंपनियों को पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।

गौरतलब है कि फरवरी 2022 में शुरू हुए यूक्रेन-रूस का युद्ध दो साल से अधिक समय से बेरोकटोक जारी है, जिससे यूक्रेन में लोगून की जान, आजीविका और संपत्ति का नुकसान हुआ है और दुनिया भर में उथल-पुथल मची हुई है, इसलिए अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगी देश रूस के खिलाफ प्रतिबंधों को कड़ा कर रहे हैं।

विदेश व्यापार नीति में दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं को “स्पेशल केमिकल, ऑर्गनिज्म, मैटेरियल्स, इक्विपमेंट एंड टेक्नोलॉजी (SCOMET)” की संज्ञा दी गई है।

भारत की विदेश व्यापार नीति के तहत दोहरे उपयोग (dual-use) वाली वस्तुओं और प्रौद्योगिकियों के निर्यात को विनियमित किया जाता है।

दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं और प्रौद्योगिकियों का निर्यात या तो प्रतिबंधित है या लाइसेंस के तहत अनुमति दी जाती है। SCOMET सूची को विदेश व्यापार नीति के तहत विदेश व्यापार निदेशालय (DGFT) द्वारा अधिसूचित किया जाता है।

SCOMET नीति परमाणु अप्रसार पर बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण संधियों और अन्य अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशंस के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं के अनुरूप भारत के सामरिक व्यापार नियंत्रण पर जोर देती है।

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