राज्यों को पूंजी निवेश के लिए विशेष सहायता योजना
केंद्र सरकार ने अपनी ‘पूंजी निवेश के लिए विशेष सहायता’ योजना के तहत राज्यों को 50,571.42 करोड़ रुपये जारी किए हैं। संसद के निचले सदन को एक लिखित जवाब में, सरकार ने कहा कि 28 में से 23 राज्यों ने केंद्र द्वारा प्रदान की गई ब्याज मुक्त सहायता का लाभ उठाया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के बजट में राज्यों के लिए केंद्र की ‘पूंजी निवेश के लिए विशेष सहायता’ योजना (Special Assistance to States for Capital Investment) के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया है।
पूंजी निवेश के लिए राज्यों को केंद्र की विशेष सहायता योजना राज्य सरकारों को पूंजीगत व्यय को बढ़ावा देने के लिए 50 साल का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करती है। इस योजना के तहत स्वास्थ्य, शिक्षा, सिंचाई, जलापूर्ति, बिजली, सड़क, पुल और रेलवे सहित विभिन्न क्षेत्रों में पूंजी निवेश परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
इस योजना के तहत जल जीवन मिशन और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में राज्य के हिस्से को पूरा करने के लिए भी राज्यों को धन मुहैया कराया गया है।
योजना के कुछ हिस्से या तो सुधारों से जुड़े हैं या क्षेत्र विशेष परियोजनाओं के लिए हैं। यह योजना राज्यों को राज्य सरकार के वाहनों और एम्बुलेंस को स्क्रैप करने, पुराने वाहनों पर देनदारियों की छूट, पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए व्यक्तियों को कर रियायतें प्रदान करने और ऑटोमेटेड वाहन परीक्षण सुविधाओं की स्थापना के लिए प्रोत्साहन भी प्रदान करती है।
इसके अलावा, राज्यों को शहरी नियोजन और शहरी वित्त में सुधार करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
इस योजना का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में पुलिस थानों में पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों के लिए आवास निर्माण करना है।
इस योजना का एक अन्य उद्देश्य राष्ट्रीय एकीकरण को बढ़ावा देना, ‘मेक इन इंडिया’ की अवधारणा को आगे बढ़ाना और प्रत्येक राज्य में यूनिटी मॉल के निर्माण के माध्यम से ‘एक जिला, एक उत्पाद (ODOP)’ की अवधारणा को बढ़ावा देना है।