मातृ मृत्यु दर (MMR) घटकर एक लाख लाइव बर्थ पर 97 हुई

भारत के रजिस्ट्रार जनरल (RGI) द्वारा मातृ मृत्यु दर (Maternal Mortality Ratio: MMR) पर जारी विशेष बुलेटिन के अनुसार, भारत में मातृ मृत्यु अनुपात (MMR) में 6 अंकों का शानदार सुधार हुआ है और अब यह प्रति लाख/97 जीवित जन्म (लाइव बर्थ) है।

मातृ मृत्यु दर(MMR) को प्रति 100,000 लाइव बर्थ पर एक निश्चित समय अवधि के दौरान मातृ मृत्यु की संख्या के रूप में परिभाषित किया गया है।

नमूना पंजीकरण प्रणाली (SRS) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, देश ने MMR में प्रगतिशील तरीके से कमी देखी है। यह 2014-2016 में 130, 2015-17 में 122, 2016-18 में 113, 2017-19 में 103 और 2018-20 में 97 रहा है।

इसके साथ ही, भारत ने 100/लाख से कम जीवित जन्म के MMR के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति लक्ष्य को हासिल कर लिया है और 2030 तक 70/लाख जीवित प्रसव से कम MMR के सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सही रास्ते पर है।

प्रमुख उपाय

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत, वर्ष 2014 से भारत ने सुलभ गुणवत्ता वाली मातृ एवं नवजात स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने और रोकथाम योग्य मातृ मृत्यु अनुपात को कम करने के लिए एक ठोस प्रयास किया है।

“जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम” और “जननी सुरक्षा योजना” जैसी सरकारी योजनाओं को संशोधित किया गया है और इन्हें सुरक्षित मातृत्व आश्वासन (SUMAN) जैसी अधिक सुनिश्चित एवं सम्मानजनक सेवा वितरण योजनाओं में अपग्रेड किया गया है।

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले गर्भधारण की पहचान करने और उनके उचित प्रबंधन को सुविधाजनक बनाने पर केंद्रित है।

लक्ष्य (LaQshya) और मिडवाइफरी (Midwifery) पहल सभी गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव कराने का विकल्प सुनिश्चित करते हुए एक सम्मानजनक तथा गरिमापूर्ण तरीके से गुणवत्तापूर्ण देखभाल को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करती हैं।

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