देश में तीन हवाई अड्डों के लिए डिजी यात्रा का शुभारंभ
केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 1 दिसंबर 2022 को नई दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से देश के तीन हवाई अड्डों, नई दिल्ली, वाराणसी और बेंगलुरु के लिए डिजी यात्रा (Digi Yatra) का शुभारंभ किया।
डिजी यात्रा (Digi Yatra): प्रमुख विशेषताएं
डिजी यात्रा की परिकल्पना हवाई अड्डों पर चेहरे की पहचान प्रौद्योगिकी (Facial Recognition Technology: FRT) पर आधारित यात्रियों के संपर्क रहित और निर्बाध आवागमन की सुविधा प्रदान करने के लिए की गई है।
डिजी यात्रा क नागरिक विमानन मंत्रालय के अंतर्गत डिजी यात्रा फाउंडेशन द्वारा परिकल्पित है।
इस परियोजना में एक ऐसे यात्री की परिकल्पना की गई है जो आज हवाई अड्डों पर विभिन्न चेक पॉइंट्स से पेपरलेस और कॉन्टैक्टलेस आवागमन के लिए अपनी पहचान साबित करने के लिए चेहरे की विशेषताओं का उपयोग करता है और जिसे बोर्डिंग पास से जोड़ा जा सकता है।
इस सुविधा का उपयोग करने के लिए, आधार कार्ड के माध्यम से सत्यापन और एक स्व-छवि कैप्चर का उपयोग करके डिजी यात्रा ऐप पर एक बार पंजीकरण आवश्यक है। इस परियोजना में यात्रियों की सुविधा में सुधार और यात्रा में आसानी के अद्भुत फायदे हैं।
गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए व्यक्तिगत रूप से पहचान योग्य सूचना (Personally Identifiable Information: PII) को कोई केंद्रीय स्तर पर भंडारण नहीं किया जायेगा। यात्री की आईडी और यात्रा विवरण यात्री के स्मार्टफोन में ही सुरक्षित वॉलेट में जमा हो जाते हैं।
अपलोड किया गया डेटा ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करेगा और उपयोग के 24 घंटे के भीतर सर्वर से सभी डेटा को हटा दिया जाएगा।
डिजी यात्रा (Digi Yatra): के लाभ
भारत डिजी यात्रा के साथ अब लंदन में हीथ्रो और संयुक्त राज्य अमेरिका में अटलांटा जैसे विश्व स्तरीय हवाई अड्डों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा।
दुबई हवाई अड्डे पर इस प्रौद्योगिकी के कारण यात्रियों के समय में 40 प्रतिशत तक की बचत हुई है।
इसी तरह की प्रौद्योगिकी ने अटलांटा हवाई अड्डे पर नौ मिनट प्रति विमान समय की बचत की।
अन्य हवाई अड्डों की तुलना में, भारतीय प्रणाली को प्रवेश से निकास तक और अधिक निर्बाध बनाया गया है और इसलिए यह दुनिया भर में सबसे कुशल प्रणालियों में से एक होगी।